10-15 फीसदी तक महंगी हो जाएंगी ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, कर्मचारियों की सैलरी से हो सकती है कटौती
Group Term Life Insurance News: कोविड से जुड़े क्लेम के और मेडिकल इंफ्लेशन में लगातार बढ़ोतरी से ग्रुप मेडिक्लेम पर दबाव बढ़ता जा रहा है. वहीं कंपनियों के लॉस रेश्यो में पिछले कुछ समय से काफी बढ़ोतरी हो गई है. आपको बता दें कि ग्रुप मेडिक्लेम में 70 फीसदी तक हिस्सा सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के पास है.
जनरल बीमा कंपनियों के पास ग्रुप टर्म इंश्योरेंस कारोबार का 70 प्रतिशत हिस्सा है. (फाइल फोटो)
जनरल बीमा कंपनियों के पास ग्रुप टर्म इंश्योरेंस कारोबार का 70 प्रतिशत हिस्सा है. (फाइल फोटो)
Group Term Life Insurance News: ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम के लिए जल्द ही आपको ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं. अगर आपने अपना और परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस अपने एंप्लॉयर की ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए लिया है. वहीं आपकी सैलरी से उसके प्रीमियम की कटौती होती है तो, आने वाले समय में यह कटौती में बढ़ सकती है. ज्यादातर कंपनियों ने ग्रुप इंश्योरेंस के प्रीमियम में 10-15 परसेंट तक बढ़ोतरी की तैयारी कर ली है.
कोविड से जुड़े क्लेम के और मेडिकल इंफ्लेशन में लगातार बढ़ोतरी से ग्रुप मेडिक्लेम पर दबाव बढ़ता जा रहा है. वहीं कंपनियों के लॉस रेश्यो में पिछले कुछ समय से काफी बढ़ोतरी हो गई है. आपको बता दें कि ग्रुप मेडिक्लेम में 70 फीसदी तक हिस्सा सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के पास है.
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कंपनियों पर प्रीमियम बढ़ाने का दबाव
टॉप सूत्रों ने इस बारे में जी बिजनेस को बताया कि, ग्रुप बीमा में कंपनियों के घाटे के अनुपात में लगातार वृद्धि के कारण यह फैसला लिया गया है. पब्लिक सेक्टर के उपक्रम (PSU) की जनरल बीमा कंपनियों के पास ग्रुप टर्म इंश्योरेंस कारोबार का 70 प्रतिशत हिस्सा है. महामारी के कारण बढ़े हुए क्लेम की वजह से इन कंपनियों पर प्रीमियम बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है.
ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस क्या है?
एक ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत कई व्यक्तियों को कवर करती है. इसमें सबसे कॉमन समूह एक कंपनी है, जहां एंप्लॉयर को कॉन्ट्रैक्ट जारी किया जाता है. इसके बाद कर्मचारियों की बेनिफिट के रूप में ऑफर किया जाता है. एंप्लॉयर आमतौर पर ग्रुप बीमा कवरेज का एक बेस लेवल मुफ्त में प्रदान करते हैं, जिसमें सप्लीमेंटल कवरेज के साथ-साथ कर्मचारियों के जीवनसाथी और बच्चों के लिए कवरेज लेने का ऑप्शन होता है.
IRDAI ने सभी रेगुलेटेड संस्थाओं, बीमाकर्ताओं, ब्रोकर्स से इस बारे में अनुरोध किया है. उसने कहा है कि वे इस पहल का उपयोग करें और देश में बीमा प्रवेश गैप को कम करने के लिए व्यावहारिक सोल्यूशन प्रदान करें. आईआरडीएआई ने कहा कि इच्छुक रेगुलेटेड संस्थाएं ईमेल- sdd@irdai.gov.in पर हर महीने की 10 तारीख तक "Open House at 15th" शीर्षक का सब्जेक्ट बनाकर शामिल होने के लिए एंट्री कर सकते हैं.
10:39 PM IST