EPF के पैसे पर मिलेगा ज्यादा ब्याज? EPFO आपके डिपॉजिट की पूरी रकम पर नहीं देता इंट्रस्ट, ऐसे होती है कैलकुलेशन
EPFO Interest calculation: आमतौर पर EPFO के अकाउंट होल्डर यही मानते हैं कि प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) डिपॉजिट के पूरे पैसे पर ब्याज मिलता है. लेकिन, ऐसा नहीं होता.
EPFO Interest calculation: प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर के लिए जल्द ही बड़ा ऐलान होने वाला है. 12 मार्च को CBT की बैठक में मौजूद वित्त वर्ष के लिए ब्याज पर फैसला हो सकता है. उम्मीद की जा रही है कि ब्याज दरों 8.5% पर स्थिर रखा जा सकता है. लेकिन, चर्चा ये भी है कि मुश्किल वक्त में EPFO की कमाई की समीक्षा के आधार पर इसमें कटौती भी की जा सकती है. हर साल EPF अकाउंट में डिपॉजिट पर सरकार ब्याज (Interest on EPF) देती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि EPF अकाउंट में ब्याज का कैलकुलेशन (PF Interest calculation) कैसे किया जाता है?
आमतौर पर EPFO के अकाउंट होल्डर यही मानते हैं कि प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) डिपॉजिट के पूरे पैसे पर ब्याज मिलता है. लेकिन, ऐसा नहीं होता. PF अकाउंट में जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर कोई ब्याज कैलकुलेट (Interest Calculation) नहीं होता है.
कैसे कैलकुलेट होता है EPF पर ब्याज?
EPF अकाउंट में हर महीने डिपॉजिट (मंथली रनिंग बैलेंस) के आधार पर ब्याज की गणना (EPF Interest calculation) की जाती है. लेकिन, इस पर फैसला वित्त वर्ष के आखिर में होता है और फिर अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.
विड्रॉल से होता है ब्याज का नुकसान
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चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई राशि निकाली जाती है तो ब्याज की रकम (PF Interest calculation) साल की शुरुआत से लेकर निकासी के तुरंत पहले वाले महीने की ली जाती है. साल का क्लोजिंग बैलेंस (EPF Balance) उसका ओपनिंग बैलेंस होगा+कंट्रीब्यूशन-निकासी (यदि कोई है)+ब्याज.
ऐसे समझिए
- बेसिक सैलरी+ डियरनेस अलाउंस (DA) = ₹30,000
- कर्मचारी कंट्रीब्यूशन EPF = 12% of ₹30,000 = ₹3,600
- एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPS (subject to limit of 1,250) = ₹1,250
- एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPF = (₹3,600-₹1,250) = ₹2,350
- कुल मासिक EPF कंट्रीब्यूशन = ₹3,600 + ₹2350 = ₹5,950
EPF में कंट्रीब्यूशन
- अप्रैल में कुल EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950
- EPF पर अप्रैल में ब्याज= Nil (पहले महीने में कोई ब्याज नहीं)
- अप्रैल के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹5,950
- मई में EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950
- मई के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹11,900
- हर महीने के हिसाब से ब्याज की गणना (EPF Interest calculation)= 8.50%/12 = 0.007083%
- मई के EPF पर ब्याज की गणना= ₹11,900*0.007083%= ₹84.29
कैलकुलेशन के लिए लगता है ये फॉर्मूला
किसी भी वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर सरकार की तरफ से नोटिफाई की जाती है. चालू वित वर्ष खत्म होने पर ब्याज का कैलकुलेशन (EPF Interest calculation) किया जाता है. साल के हर महीने की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि को जोड़कर उस राशि को तय ब्याज दर को भागकर 1200 से गुनाकर ब्याज राशि निकाली जाती है.
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