पीपीएफ और जीपीएफ अकाउंट में है अंतर, ऐसे समझें इनमें निवेश का फंडा
EPF: कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF और सार्वजनिक भविष्य निधि यानी PPF के लिए किए गए योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय में कटौती के लिए योग्य हैं.
वित्त मंत्रालय ने 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दी थी. (रॉयटर्स)
वित्त मंत्रालय ने 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दी थी. (रॉयटर्स)
देश में तीन तरह के भविष्य निधि खातों की सुविधा है. इसमें पहला है, कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF, दूसरा सामान्य भविष्य निधि यानी GPF और तीसरा है, सार्वजनिक भविष्य निधि यानी PPF. भविष्य निधि खातों के लिए किए गए योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय में कटौती के लिए योग्य हैं. इन भविष्य निधि खातों पर ब्याज दर की समीक्षा सरकार द्वारा समय-समय पर की जाती है.
ईपीएफ एक अनिवार्य रिटायरमेंट सेविंग साधन है और इसमें योगदान कर्मचारियों के वेतन से दिया जाता है. GPF या सामान्य भविष्य निधि एक भविष्य निधि खाता है जो केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है और पीपीएफ यानी सार्वजनिक भविष्य निधि खाते बैंकों और डाकघरों द्वारा आम जनता के लिए पेश किए जाते हैं.
EPF अकाउंट के लिए शर्तें
अगर किसी कंपनी में 20 से अधिक लोग काम करते हैं तो उन कंपनियों को अनिवार्य रूप से ईपीएफ के लिए योगदान करना होता है. कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ईपीएफ के लिए समान योगदान करते हैं. पिछले महीने, वित्त मंत्रालय ने 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दी थी.
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स्थायी रूप से नौकरी छोड़ने के दौरान ईपीएफ खाता बंद किया जा सकता है. इसे सेवानिवृत्ति तक कंपनियों को बदलते समय भी स्थानांतरित किया जा सकता है. ईपीएफ खाते के मामले में कुछ परिस्थितियों जैसे घर की खरीद/निर्माण, ऋण का पुनर्भुगतान, स्वयं/बेटी/बेटे/भाई की शादी या परिवार के सदस्यों के चिकित्सा उपचार आदि के लिए आंशिक निकासी की अनुमति है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए GPF
यह भविष्य निधि खाता केवल सरकारी कर्मचारी के लिए होता है जिसमें कर्मचारी एक निश्चित प्रतिशत राशि का योगदान कर जीपीएफ का सदस्य बनता है. GPF के नियमों के अनुसार, एक वर्ष की निरंतर सेवा के बाद सभी अस्थायी सरकारी कर्मचारी, सभी पुन: नियोजित पेंशनभोगी (योगदानकर्ता भविष्य निधि में प्रवेश के लिए पात्र के अलावा अन्य) और सभी स्थायी सरकारी कर्मचारी GPF की सदस्यता के लिए पात्र हैं. वर्तमान में, GPF पर ब्याज की दर 8 प्रतिशत है.
एक जीपीएफ खाताधारक मासिक आधार पर जीपीएफ में योगदान कर सकता है. हां व्यक्तिगत निलंबन के दौरान यह योगदान नहीं हो सकता. सामान्य भविष्य निधि की सदस्यता को सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन महीने पहले रोक दिया जाता है. एक अंशधारक के रूप में कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर, अंतिम शेष राशि के तत्काल भुगतान के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं.
06:27 PM IST