2016 जैसी बेचैनी क्यों नहीं? क्या 2000 रुपए की 'नोटबंदी' के लिए पहले से तैयार थे हम? समझिए क्यों है बड़ा अंतर
साल 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट को अचानक रात 12 बजे से बंद कर दिया था. इस फैसले से लोगों के बीच खलबली मच गई थी. लेकिन इस बार लोगों के बीच वो बेचैनी नहीं है. यहां जानिए सरकार के इस फैसले पर लोगों की राय.
2016 जैसी बेचैनी क्यों नहीं? क्या 2000 रुपए की 'नोटबंदी' के लिए पहले से तैयार थे हम? समझिए क्यों है बड़ा अंतर
2016 जैसी बेचैनी क्यों नहीं? क्या 2000 रुपए की 'नोटबंदी' के लिए पहले से तैयार थे हम? समझिए क्यों है बड़ा अंतर
8 नवंबर साल 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट को अचानक रात 12 बजे से बंद कर दिया था. इस फैसले से लोगों के बीच खलबली मच गई थी. पुराने नोटों को जमा करने ओर नए नोटों को लेने के लिए लोगों को नोट बदलने के लिए घंटों-घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ा था. कई बड़े काम रुक गए थे और लोग सरकार के इस फैसले से काफी परेशान हुए थे.
लेकिन इस बार जब आरबीआई का 2000 रुपए के नोटों को को लेकर फैसला आया तो लोगों के बीच वो बेचैनी नहीं है, जो साल 2016 में थी. आखिर इसकी क्या वजह है? ये जानने के लिए जी बिजनेस ने तमाम शहरों के आम लोगों से बातचीत की और जाना कि आखिर लोगों की सोच में अब ये फर्क क्यों?
दिल्ली के लोगों का क्या है कहना
इस मामले में दिल्ली के लोगों का कहना है कि दिल्ली में आम जनता के पास 2000 के लिमिटेड नोट हैं. बैंकों में काफी पहले 2000 रुपए के नोट मिलने बंद हो गए थे. ऐसे में इन नोटों को बंद करने से लोगों को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है. चूंकि नोट अभी वैध हैं, इसलिए इनके लेन-देन की जरूरत भी पड़ी तो परेशानी की बात नहीं है. लोग आसानी से बैंक में जाकर नोट को बदलवा सकते हैं.
मुंबई के लोग भी पैनिक नहीं
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वहीं मुंबई में भी लोग सरकार के इस फैसले को लेकर पैनिक नहीं हैं. ज्यादातर लोग इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि ये नोट ज्यादा सर्कुलेशन में नहीं है. जब सरकार ने 2018 में इसे छापना बंद किया था, तब ही लोगों को अंदाजा हो गया था कि आगे चलकर इस नोट को बंद करने का फैसला आ सकता है. इसके अलावा अब ज्यादातर लोग नोट की जगह लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रिफरेंस दे रहे हैं, इसलिए उन्हें वो समस्या नहीं है, जो 2016 में हुई थी.
लखनऊ में पहले से कहीं ज्यादा अब जागरुक हैं लोग
यूपी के लखनऊ में भी लोग सरकार के इस फैसले से पैनिक नहीं हैं. उनका कहना है कि उन्हें अंदाजा था कि ये नोट बंद हो सकता है. लोग अब पहले से कहीं ज्यादा जागरुक हैं. लोगों का कहना है कि अभी नोट का चलन नोट बंद नहीं हुआ है यानी अगर किसी के पास नोट है भी तो वो इससे लेन-देन कर सकता है. साथ ही उसे नोट को बैंक में बदलने के लिए भी अच्छा खासा समय दिया गया है.
जम्मू के लोगों का ये है कहना
वहीं इस बारे में जम्मू में लोगों का कहना है कि 2000 रुपए का नोट पहले ही मार्केट में ज्यादा नहीं था, इसलिए इसका ज्यादा असर नहीं होगा. जिस तरह से सरकार का डिजिटलाइजेशन पर जोर था, उससे लोगों को अंदाजा था कि नोट को बंद किया जा सकता है. पहले ही लोग अपनी जेब से 2000 रुपए के नोट को निकालने की कोशिश कर रहे थे.
वहीं लोगों का ये भी कहना है कि काफी समय से उन्होंने 2000 का नोट देखा ही नहीं है क्योंकि इसका चलन काफी कम हो गया है. एटीएम में भी ज्यादातर 500, 200 या 100 का नोट निकलता है. इसलिए 2000 रुपए के नोट बंद हो जाने से आम आदमी की जिंदगी पर बहुत बड़ा असर नहीं होगा.
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11:54 AM IST