दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, 60 वर्ष तक उम्र तक पढ़ा सकेंगे गेस्ट टीचर
दिल्ली कैबिनेट ने गेस्ट टीचरों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. अब गेस्ट टीचर, नियमित टीचरों की तरह 60 वर्ष की उम्र तक स्कूलों में पढ़ा सकेंगे.
दिल्ली में इस समय 22,000 गेस्ट टीचर हैं. उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है. वे इस समय आंदोलन पर हैं. (फोटो-Manish Sisodia's Twitter)
दिल्ली में इस समय 22,000 गेस्ट टीचर हैं. उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है. वे इस समय आंदोलन पर हैं. (फोटो-Manish Sisodia's Twitter)
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे गेस्ट तथा कॉन्ट्रेक्ट टीचरों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. अब गेस्ट और कॉन्ट्रेक्ट टीचर नियमित टीचरों की तरह 60 वर्ष की उम्र तक स्कूलों में पढ़ा सकेंगे. अब उन्हें हर छह महीने या हर साल अनुबंध रिन्यू होने की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी. दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया है और इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है.
बता दें कि गेस्ट टीचरों का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो गया था. गेस्ट टीचरों ने कार्यकाल आगे बढ़ावाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अपनी मांग को लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं.
दिल्ली में हैं 22000 गेस्ट टीचर
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में टीचरों की नियुक्ति, उनकी योग्यता तथा टीचरों से संबंधित अन्य फैसले लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. दिल्ली में इस समय 22,000 गेस्ट टीचर हैं. उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है, जिसके चलते दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ रहा है. यह परीक्षा का समय है और टीचर्स की कमी के चलते परीक्षा का काम भी प्रभावित हो रहा है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल बिना अतिथि शिक्षकों की सेवाओं के संचालित हो रहे हैं. जबकि बोर्ड की वार्षिक 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं हो रही हैं. इस महीने परीक्षाओं के अलावा शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं की भी जांच करनी होती है, ताकि वह नतीजों को तैयार कर सकें. जिससे वह अगले शैक्षिक सत्र की तैयारी कर सकें.
कैबिनेट का प्रस्ताव
मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली की कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसके तहत अब गेस्ट तथा कॉन्ट्रेक्ट टीचर, नियमित टीचरों की तरह 60 वर्ष की उम्र तक स्कूलों में अपनी सेवाएं दे सकेंगे. इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल को मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि 25 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली उच्च न्यायलय ने आदेश पारित किया था कि मौजूदा अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 28 फरवरी 2019 तक जारी रहें. लेकिन अब जो संकट हमारे सामने है उस पर क्या करेंगे?
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा की खट्टर सरकार ने भी अपने यहां इसी तरह का एक कानून बनाया है, ताकि स्कूलों में टीचरों की कमी को पूरा किया जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें उन्मुक्त रूप से काम करने में बाधा पैदा करती है. हरियाणा में बीजेपी की सरकार है तो वहां गेस्ट टीचरों की पढ़ाने के समय को लेकर कानून बन गया, लेकिन यही बात दिल्ली में लागू नहीं होने दी जा रही है.
टीचरों का आंदोलन
बता दें कि 2-3 दिन पहले ही अतिथि टीचरों ने नियमित करने की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर प्रदर्शन किया था. नियमित करने की मांग को लेकर गेस्ट टीचरों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
04:31 PM IST