7th Pay Commission : विरोध का 18वां दिन, लेकिन अब तक नहीं उठा सवाल?
केंद्रीय कर्मचारियों के 7वां वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक पे बढ़ाने की मांग के बीच ये कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
राज्यकर्मचारी जनसभा या तो दफ्तर का कामकाज शुरू होने से पहले रखते हैं या फिर दफ्तर बंद होने पर. (फोटो : जी बिजनेस)
राज्यकर्मचारी जनसभा या तो दफ्तर का कामकाज शुरू होने से पहले रखते हैं या फिर दफ्तर बंद होने पर. (फोटो : जी बिजनेस)
केंद्रीय कर्मचारियों के 7वां वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक पे बढ़ाने की मांग के बीच यूपी (UP) में राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का लगातार विरोध भी कर रहे हैं. इसके लिए कर्मचारी व शिक्षक नेता मिलकर उत्तर प्रदेश में चेतना रथयात्रा निकाल रहे हैं ताकि कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए एकजुट हो सकें.
15 नवंबर 2018 को चेतना रथयात्रा का 18वां दिन था. अब तक यह करीब एक दर्जन जिलों में जा चुकी है. जिन-जिन जिलों में कर्मचारी नेता चेतना रथयात्रा के साथ पहुंचे, वहां लाखों कर्मचारी उनके समर्थन में आए और जनसभा की. इस चेतना रथयात्रा के दौरान कर्मचारियों की कोशिश थी कि सरकारी कामकाज प्रभावित न हो. इसीलिए जनसभा या तो दफ्तर का कामकाज शुरू होने से पहले रखी जाती है या फिर दफ्तर बंद होने पर.
29 अक्टूबर 2018 को यूपी की राजधानी लखनऊ से शुरू हुई चेतना रथयात्रा बाराबंकी, फैजाबाद, देवरिया होते हुए वाराणसी तक गई है. यहां कर्मचारियों व शिक्षकों ने जनसभा कर राज्य सरकार से पुरानी पेंशन योजना फिर से यूपी में लागू करने की मांग की है. पुरानी पेंशन व्यवस्था को 2005 में प्रदेश से खत्म कर दिया गया था. इसके बाद नई पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू किया गया. इस रथ यात्रा को संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एस4), यूपी के बैनर तले शुरू किया गया है. एस4 के प्रांतीय अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि भारत के सीएजी (CAG) ने एनपीएस में घोटाले की पोल खोली है. इसलिए हमारा संगठन एनपीएस पर राज्य सरकार से कोई वार्ता नहीं करेगा.
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विशाल जनसभा कर सरकार तक अपनी मांग पहुंचाएंगे
तिवारी की मानें तो यह रथ यात्रा यूपी के 15 जिलों में जाएगी और जिला मुख्यालयों में कार्यरत लाखों कर्मचारियों व शिक्षकों को एकजुट करेगी. 14 दिसंबर को यह यात्रा लखनऊ लौटेगी और 20 दिसंबर को लाखों कर्मचारी यूपी की राजधानी लखनऊ में विशाल जनसभा कर सरकार तक अपनी मांग पहुंचाएंगे.
कर्मचारी व शिक्षक एकसाथ आए
संगठन के संयोजक (वित्त) आरके वर्मा ने बताया कि एस4 से लगभए एक दर्जन कर्मचारी संगठन जुड़े हैं. संगठन का एक ही लक्ष्य है- राज्य में पुरानी पेंशन की बहाली. केंद्र सरकार साफ कह चुकी है कि नई पेंशन योजना (NPS) राज्यों के विवेक पर निर्भर है. अगर वे चाहें तो इसे अपने यहां लागू कर लें. इससे साफ है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली राज्य सरकार के स्तर पर संभव है. देश के कई राज्यों में अब तक एनपीएस लागू नहीं है. यूपी में एनपीएस व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. 13 साल पहले लागू हुई योजना में अब तक कई कर्मचारियों के खाते तक नहीं खुले हैं और जिनके खुले हैं तो उनकी अंशदान की कटौती शुरू नहीं हुई है.
कर्मचारी का भविष्य खतरे में : एस4
वर्मा ने कहा कि अप्रैल 2005 के बाद जो भी कर्मचारी राज्य कर्मचारी की सेवा में आया है, उसका भविष्य एक तरह से खतरे में है. अगर कोई अनहोनी होती है तो उसके परिवार का क्या होगा. इसलिए एस4 पुरानी पेंशन की मांग को पुरजोर ढंग से उठा रहा है.
एस4 कर रहा पुरानी पेंशन बहाली की मांग
संयुक्त संघर्ष संचालन समिति, यूपी (S4) ने 5 सितंबर 2018 को प्रदेश के सभी डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर में धरना देकर सीएम को ज्ञापन दिया था. फिर 2 अक्टूबर 2018 को कैंडिल मार्च निकालकर विरोध जताया था. इस संगठन को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, यूपी राज्य कर्मचारी महासंघ (अजय सिंह), जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन, राजकीय शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ आदि संगठनों का समर्थन प्राप्त है.
03:22 PM IST