Tomato Price: दिसंबर में कम होगी टमाटर की 'खटास'? जानिए क्या कह रहे हैं ताजा आंकड़े
Tomato Price: उत्तर भारतीय राज्यों से टमाटर दिसंबर की शुरुआत से आने लगेगा, जिससे इसकी अवेलेबिलिटी बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट होगी.
दिसंबर में इसकी सप्लाई साल 2020 के बराबर रहने की उम्मीद है.
दिसंबर में इसकी सप्लाई साल 2020 के बराबर रहने की उम्मीद है.
Tomato Price: टमाटर की बढ़ी कीमतों से हर कोई परेशान है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने इसके दाम कम होंगे. दरअसल दिसंबर में उत्तर भारत के राज्यों से इसकी सप्लाई तेज हो जाएगी, जिससे न सिर्फ इसकी स्टॉक बढ़ेंगे बल्कि कीमतों में भी कमी आएगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि दिसंबर में टमाटर की सप्लाई पिछले साल के बराबर रहेगी.
वहीं अगर प्याज की बात करें तो इसकी कीमतें साल 2020 और साल 2019 से कम हैं. दरअसल कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर स्टॉक से प्याज को रिलीज किया गया. वहीं खरीफ की सीजन का प्याज बाजार में पहुंच रहा है. आपको बता दें कि खरीफ और खरीफ के देरी (late kharif) के सीजन में करीब 69 लाख मिट्रीक टन प्याज के पैदावार की उम्मीद है.
बारिश से बढ़ी टमाटर की कीमतें
इस साल सितंबर के अंत से टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं. पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश की वजह से इसकी फसलों को नुकसान पहुंचा और इन राज्यों से इसके आने में देरी हुई. उत्तर भारतीय राज्यों से देरी के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भारी बारिश हुई जिससे सप्लाई पर असर पड़ा और फसलों को नुकसान पहुंचा.
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पिछले साल की तुलना में 63 फीसदी ज्यादा रेट
25 नवंबर 2021 को टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 67 रुपये/किलोग्राम था जो पिछले साल की तुलना में 63 प्रतिशत ज्यादा है. टमाटर की कीमतों में सप्लाई चेन में मामूली दिक्कत या भारी बारिश की कारण नुकसान से काफी तेजी आती है. वहीं थोक में ज्यादा आने और लॉजिस्टिक्स समस्याओं से इसकी खुदरा कीमतों में गिरावट आ सकती है. कृषि विभाग के मुताबिक चालू साल में खरीफ उत्पादन 69.52 एलएमटी रहने की संभावना है जो पिछले साल 70.12 एलएमटी था. इस साल नवंबर में सिर्फ 19.62 एलएमटी टमाटर आया जबकि पिछले साल यह 21.32 एलएमटी था.
उत्तर भारतीय राज्यों से टमाटर दिसंबर की शुरुआत से आने लगेगा, जिससे इसकी अवेलेबिलिटी बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट होगी. दिसंबर में इसकी सप्लाई साल 2020 के बराबर रहने की उम्मीद है.
प्याज ने दी राहत
वहीं प्याज की कीमतों ने लोगों को राहत दी है. अक्टूबर 2021 के दौरान कीमतों में बढ़ोतरी काफी हद तक कम हो गई. रिटेल में यह साल 2020 और 2019 के लेवल से भी कम है. 25 नवंबर, 2021 को प्याज का अखिल भारतीय औसत रिटेल मूल्य 39 रुपये/किलोग्राम था, जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत कम है. मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilisation Fund) के तहत इस साल 2.08 एलएमटी का प्याज बफर रिलीज किया गया. यह उन राज्यों और शहरों को ध्यानमें रखकर किया गया जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही थीं. वहीं सोर्स मार्केट जैसे लासलगांव और पिंपलगांव में भी अवेलिबिलिटी बढ़ाने पर ध्यान दिया गया.
इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 21 रुपये प्रति किलोग्राम एक्स-स्टोरेज लोकेशन्स पर प्याज दिया गया है. नागालैंड और आंध्र प्रदेश ने बफर से प्याज ले लिया है. सफल को भी ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट सहित 26रु/किलोग्राम की दर से सप्लाई की गई. बफर से प्याज को इस तरह रिलीज करने से कीमतों को काबू करने में मदद मिली है.
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09:22 PM IST