प्रॉपर्टी प्लस : FLAT खरीदते वक्त क्या आपने इन सुविधाओं की पड़ताल की है?
जब आप कहीं पर घर या ऑफिस खरीदते हैं तो क्या देखते हैं, लोकेशन? बिल्डिंग का आर्किटेक्चर या डिजाइन? नामी बिल्डर? फ्यूचर एप्रीसिएशन? या फिर भाव?
क्या आपकी सोसाइटी एनवायरमेंट फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन, सस्टेनेबल एनर्जी, वॉटर मैनेजमेंट और वेस्ट मैनेजमेंट से लैस है. (PTI)
क्या आपकी सोसाइटी एनवायरमेंट फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन, सस्टेनेबल एनर्जी, वॉटर मैनेजमेंट और वेस्ट मैनेजमेंट से लैस है. (PTI)
जब आप कहीं पर घर या ऑफिस खरीदते हैं तो क्या देखते हैं, लोकेशन? बिल्डिंग का आर्किटेक्चर या डिजाइन? नामी बिल्डर? फ्यूचर एप्रीसिएशन? या फिर भाव? इन सबसे अलग, सबसे अहम बात जो शायद आप कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते वक्त गौर नहीं करते वह है एनवायरमेंट फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन, सस्टेनेबल एनर्जी, वॉटर मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट.
ये वे जरूरी बाते हैं जिनकी अनदेखी रीयल एस्टेट (Real Estate) में काफी लंबे वक्त से होती आई है. इस अनदेखी के लिए जितने जिम्मेदार बिल्डर हैं, उतनी ही सरकारी एजेंसियां, आप और हम भी. इस अनदेखी के कारण ही आज धरती का तामपान लगातार बढ़ रहा है. हम क्लाइमेट चेंज, बढ़ती गर्मी, कम होती बारिश, बेहिसाब बढ़ता कचरा और पानी के सूखते स्रोतों के तौर पर देख रहे हैं.
आए दिन आप बिगड़ते पर्यावरण की रिपोर्ट्स देखते हैं लेकिन USGBC यानि US ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ने भारत के टॉप 10 राज्यों की लिस्ट जारी की है जो एनवायरमेंट फ्रेंडली प्रोजेक्टस बनाने में सबसे आगे हैं. 'जी बिजनेस' की खास पेशकश 'प्रॉपर्टी प्लस' में हम बात कर रहे हैं, उस रिपोर्ट के बारे में जिसमें महाराष्ट्र टॉप पर है.
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USGBCI यानि US ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ने भारत के उन 10 राज्यों की लिस्ट जारी की है जो रीयल एस्टेट निर्माण के क्षेत्र में पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचा रहे हैं. इन राज्यों को LEED सर्टिफिकेशन यानि लीडर्स इन एनर्जी एंड एनवायरमेंट डिजाइन के तय मानकों पर आंका जाता है. इसमें GSF यानि ग्रॉस स्क्वॉयर फीट के आधार पर उस एरिया का आकलन होता है, जहां पर्यावरण संरक्षण संबंधी इंतजाम किए गए हैं.
LEED सर्टिफिकेशन के तहत भारत में पहले पायदान पर है. महाराष्ट्र में 334 प्रोजेक्ट Leed सर्टिफाइड हैं, जिनका GSF करीब 10 करोड़ 60 लाख SqFt है. दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, यहां 232 प्रोजेक्ट Leed सर्टिफाइड हैं और इनके एरिया करीब 8 करोड़ 58 लाख SqFt है. इसी तरह 157 प्रोजेक्ट के 5 Cr 88 लाख SqFt एरिया के साथ तमिलनाडु तीसरे नंबर है. हरियाणा में 125 प्रोजेक्ट लीड सर्टिफाइड है तो उत्तर प्रदेश में 82 प्रोजेक्ट को Leed सर्टिफिकेट हासिल है. इसी क्रम में छठे नंबर पर तेलंगाना, 7वें पर दिल्ली, आठवें नंबर पर गुजरात, नौ नंबर पर पश्चिम बंगाल और सबसे आखिर में दसवें नंबर पर राजस्थान है.
भारत में कैसे बढ़ रहें है पर्यावरण अनुकूल रियल एस्टेट? जानिए हमारे स्पेशल शो #PropertyPlus में दीपक यादव के साथ।@AnilSinghviZEE @iam_deepaky pic.twitter.com/dFQasA8rQC
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 24, 2019
बेस्ट ससटेनिबिलिटी के लिए LEED सर्टिफिकेशन अलग-अलग बेंचमार्क पर प्रोजेक्ट्स का आकलन करता है. इसमें निर्माणधीन और तैयार दोनों ही तरह की इमारतों को पर्यावरण संरक्षण के लिए तैयार किया जाता है. इसमें बुनियादी और एडवांस स्तर पर कई बदलाव किए जाते हैं.
LEED के अलावा कई अलग स्तर की समस्याओं के लिए मानक तय किए गए हैं, जिनके आधार पर तय होता है कि कौन सा प्रोजेक्ट पर्यावरण को किस तरह से फायदा या नुकसान पहुंचा रहा है. मसलन पावर सिस्टम, डिजाइन फॉर ग्रेटर एफिशिएंसी, ट्रू जीरो वेस्ट सर्टिफिकेशन, इन सबके लिए सिंगल सर्टिफिकेशन भी है.
USGBC यानि US ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल एक आंतर्राष्ट्रीय संस्था है. USGBC का ही हिस्सा है GBC यानि ग्रीन बिज़नेस सर्टिफिकेशन इंस्टिट्यूट, जो कि दुनिया भर में LEED सर्टिफिकेशन मुहैया कराती है. LEED सर्टिफिकेशन उन इमारतों को दिया जाता है जो निर्माण और उपयोग से पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाती है.
05:28 PM IST