सरकारी अस्पतालों में इलाज कर करेंगे प्राइवेट डॉक्टर, नई नीति का ऐलान जल्द
ज्यादातर डॉक्टर डिग्री लेने के बाद बॉण्ड की समय सीमा पूरे होने तक सरकारी अस्पतालों में काम करते हैं और फिर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं.
Gujarat Government News: डॉक्टरों की कमी से निपटने के लिए गुजरात सरकार (Gujarat Government) जल्दी ही एक नीति लाएगी जिससे सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में प्राइवेट डॉक्टर भी मरीजों का इलाज (patients treat) कर सकेंगे.
गुजरात विधानसभा (Gujarat Legislative Assembly) में सरकारी अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञों की कमी के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल (Nitin Patel) ने यह जानकारी दी.
स्वास्थ्य मंत्री का कार्य देख रहे नितिन पटेल (Gujarat deputy chief minister Nitin Patel) ने सदन में कहा कि दिसंबर 2020 तक विभिन्न सरकारी अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञों के 58 पदों को भरा जाना था. उन्होंने कहा कि ज्यादातर डॉक्टर डिग्री लेने के बाद बॉण्ड की समय सीमा पूरे होने तक सरकारी अस्पतालों में काम करते हैं और फिर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं.
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उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी का मुख्य कारण यह था कि पहले गुजरात में एमबीबीएस (MBBS) की सीटें कम थीं. लेकिन अब गुजरात में डॉक्टरी की 5,500 सीटें हैं. राज्य सरकार ने भरोसा जताया कि भविष्य में डॉक्टरों की कमी नहीं होगी.
नितिन पटेल ने कहा कि अभी तक सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टरों (Private doctors) को मानद सेवाएं देने की इजाजत नहीं है. यह रोक हटेगी. सरकार ने फेमस प्राइवेट डॉक्टरों (Private doctors Service) की सेवाएं लेने का फैसला किया है. राज्य सरकार इस संबंध में जल्द ही एक नीति लाएगी.
उन्होंने कहा कि कई प्राइवेट डॉक्टर समाज सेवा करना चाहते हैं. नई नीति के तहत वे सरकारी अस्पतालों में मरीजों का उपचार कर सकेंगे और मेडिकल छात्रों को पढ़ा सकेंगे.
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08:00 AM IST