पीएम मोदी ने किया एशिया के सबसे बड़े CNG प्लांट का लोकार्पण, जानिए क्या है इसकी खासियत
PM Modi inaugurated Bio-CNG Plant: पीएम मोदी ने कहा कि दो साल में देश के 75 बड़े नगर निकायों में इस प्रकार के गोबरधन बायो-सीएनजी प्लांट बनाने पर काम चल रहा है. यह अभियान देश के शहरों को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा. वहीं इससे शहरों को प्रदूषण रहित बनाने और क्लीन एनर्जी की दिशा में भी मदद मिलेगी.
इस सीएनजी प्लांट की क्षमता रोजाना 550 मीट्रिक टन की है.
इस सीएनजी प्लांट की क्षमता रोजाना 550 मीट्रिक टन की है.
PM Modi inaugurated Bio-CNG Plant: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को आज (शनिवार) बड़ा तोहफा मिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एशिया के सबसे बड़े CNG प्लांट का उद्घाटन किया. उन्होंने वर्चुअली बायो वेस्ट से बायो सीएनजी बनाने वाले प्लांट का लोकार्पण किया. आपको बता दें कि इसे देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में बनाया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्लांट के लिए आभार जताया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे.
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बायो सीएनजी प्लांट की क्षमता
पीएम मोदी के वेस्ट-टू-वेल्थ कॉन्सेप्ट को यह सीएनजी प्लांट पूरा करता है. इंदौर नगर निगम द्वारा गीले कचरे के निपटारे के लिए इसे बनाया गया है. इसकी क्षमता रोजाना 550 मीट्रिक टन की है. यह प्लांट पूरे एशिया में बायो वेस्ट से बायो सीएनजी का सबसे बड़ा और देश का पहला प्लांट है.
Inaugurating a solid waste based Gobar Dhan plant in Indore. https://t.co/cDjdSPJE1H
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2022
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पीपीपी मॉडल पर आधारित
आपको बता दें कि यह बायो सीएनजी प्लांट पीपीपी मॉडल पर आधारित है. इसमें रोज 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) का ट्रीटमेंट किया जाएगा. जिससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सीएनजी गैस बनेगी. वहीं 100 टन हाई क्वालिटी के आर्गेनिक कम्पोस्ट का भी प्रोडक्शन होगा.
सीएनजी का कहां होगा इस्तेमाल
इस प्लांट से बनने वाले बायो सीएनजी में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम को बसें चलाने की लिए दी जाएंगी. वहीं बाकी 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं कमर्शियल कंज्यूमर को बेची जाएंगी.
2 साल में 75 “गोबर-धन प्लांट”
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि दो साल में देश के 75 बड़े नगर निकायों में इस प्रकार के गोबरधन बायो-सीएनजी प्लांट बनाने पर काम चल रहा है. यह अभियान देश के शहरों को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा. वहीं इससे शहरों को प्रदूषण रहित बनाने और क्लीन एनर्जी की दिशा में भी मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि शहर में घरों से निकला गीला कचरा हो या गांव में पशुओं-खेतों से मिला कचरा. ये सब एक तरह से गोबरधन ही हैं. शहर के कचरे और पशुधन से गोबरधन, फिर गोबरधन से क्लीन एनर्जी, फिर क्लीन एनर्जी से ऊर्जाधन ये सीरीज जीवनधन का निर्माण करती हैं.
04:05 PM IST