भारतीय वायुसेना को ताकत और बढ़ी, तेजस लड़ाकू विमानों का नया स्क्वाड्रन मिला, नाम है 'फ्लाइंग बुलेट्स'
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Wed, May 27, 2020 05:17 PM IST
भारतीय वायुसेना को बुधवार 27.5.2020 को तेजस लड़ाकू विमानों का नया और दूसरा स्क्वाड्रन मिल गया. तेजस लड़ाकू विमानों को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है. वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन को सौंपा. इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट रखा गया है.
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वायुसेना प्रमुख ने उड़ाया तेजस
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने आज वायु सेना स्टेशन सुलूर में 45वीं स्क्वाड्रन के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस लड़ाकू विमान उड़ाया. उन्होंने सिंगल सीटर लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी. भदौरिया ने अब तक राफेल लड़ाकू विमान सहित 28 से ज्यादा तरह के विमानों को उड़ाया है. भदौरिया क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं.
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रक्षा मंत्री भी इस विमान में हो चुके हैं सवार
कुछ समय पहले रक्षामंत्री रजानाथ सिंह पूरी तरह से एक फाइटर पायलट की ड्रेस में इस विमान में सवार हुए थे. तेजस को हिन्दुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है. भारतीय वायुसेना तेजस विमानों की एक फ्लीट को पहली ही अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है. तेजस को डीआरडीओ की ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी ने डिजाइन किया है.
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1983 में बनना शुरू हुआ था ये विमान
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हल्का होने के साथ दुश्मन के लिए घातक है ये विमान
तेजस लड़ाकू जहाजों की सबसे बड़ी खूबी इसका हल्का होना है. इस विमान का ढांचा कार्बन फाइबर से बना हुआ है. इसीलिए इसका विमान इसी के तरह के किसी दूसरी विमान से कम है. हल्का होने के बावजूद भी यह अन्य विमानों के मुकाबले काफी मजबूत है. ये विमान अचूक निशाना लगाने और हथियार गिराने में सक्षम है. इस विमान को हवा से हवा और हवा से जमीन दोनो तरह से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है.
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