प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराना हुआ सात गुना महंगा, NOS ने जारी की रिपोर्ट
एनएसओ ने रिपोर्ट जारी कर बताया कि देश के सरकारी अस्पतालों के मुकाबले निजी अस्पतालों में इलाज कराना करीब सात गुना ज्यादा महंगा है.
सरकारी अस्पतालों के सुधरे हालात
सरकारी अस्पतालों के सुधरे हालात
देश के सरकारी अस्पतालों (Govt hospital) की तुलना में अगर आप प्राइवेट अस्पताल (Private hospital) में इलाज कराने जाते हैं तो आपकी जेब पर काफी असर पड़ सकता है. देश के निजी अस्पतालों में इलाज कराना प्राइवेट की तुलना में सात गुना ज्यादा महंगा है. हाल ही में एनएसओ ने रिपोर्ट जारी कर इस बारे में बताया
करोड़ों लोगों को मिल रहा फायदा
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सरकारी अस्पताल में इलाज कराने का औसतन खर्च सिर्फ 4,452 रुपए है, वहीं निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए 31,845 रुपए खर्च करने होते हैं. महंगाई के इस दौर में गरीब परिवार को इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाओँ की शुरुआत की है, जिसका फायदा करोड़ों लोगों को हो रहा है.
सरकारी अस्पताल में खर्च होते हैं इतने रुपए
NOS की ओर से जारी की गई रिपोर्ट जुलाई-जून 2017-18 के सर्वे पर आधारित है. इस रिपोर्ट के हिसाब से शहर के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए मरीजों को औसतन 4837 रुपए खर्च करने होते हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए 4290 रुपए खर्च करने होते हैं.
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निजी अस्पतालों का खर्च
इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो शहरी इलाकों में यह खर्च 38822 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 27347 रुपए है. ग्रामीण क्षेत्र में एक बार अस्पताल में भर्ती होने पर परिवार का औसत खर्च 16,676 रुपए रहता है जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 26,475 रुपए है.
पहले भी हुए हैं सर्वे
बता दें कि यह रिपोर्ट 1.13 लाख परिवारों पर सर्वे करके बनाई गई है. इससे पहले इस तरह के सर्वे साल 1995, 2004 और 2014 में हो चुके हैं. पहले की तुलना में सरकारी अस्पतालों के खर्च में कमी आई है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों के खर्च में इजाफा हुआ है.
कम है कमाई
कमाई के बारे में बात करें तो देश में प्रति व्यक्ति औसत आय इस समय 79882 रुपए है. केंद्रीय सांख्यिकी मंत्री विजय गोयल ने अगस्त महीने में इसकी जानकारी सदन में दी थी. अगस्त महीने में एक रिपोर्ट सैलरी को लेकर आई थी, जिसके मुताबिक 45 फीसदी रेग्युलर वर्कर्स को प्रतिमाह 10 हजार से कम सैलरी मिल रही है. 12 फीसदी को तो 30 दिनों की मेहनत के बदले 5 हजार रुपए से भी कम मिलते हैं.
04:50 PM IST