हर गांव तक पहुंचेगा पानी, मोदी सरकार ने शुरू की अटल जल योजना
अटल जल योजना के लिए 3000 करोड़ रुपये का योगदान विश्व बैंक (World Bank) और बाकी 3000 करोड़ का योगदान केंद्र सरकार करेगी.
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक के 8350 गांव अटल जल योजना के लिए चुने गए हैं. (फोटो- Zeebiz/ Shriram)
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक के 8350 गांव अटल जल योजना के लिए चुने गए हैं. (फोटो- Zeebiz/ Shriram)
25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का जन्मदिवस है. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के नाम दो योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया है. केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) ने आज अटल जल (Atal Bhujal Yojana) और अटल टनल योजना (Atal Tunnel) को मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि देश के हर एक गांव में पानी की पहुंच बनाने और उसके सही इस्तेमाल के लिए अटल जल योजना (Atal Bhujal Yojana) शुरू की गई है. इस योजना का शुरूआती बजट 6,000 करोड़ रुपये रखा गया है. इसमें 3000 करोड़ रुपये का योगदान विश्व बैंक (World Bank) और बाकी 3000 करोड़ का योगदान केंद्र सरकार करेगी.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में 62 फीसदी सिंचाई भूजल से होती है. ग्रामीण इलाकों में 85 फीसदी पानी की आपूर्ति भूजल से होती है. इस भूजल का सही प्रकार से प्रबंधन हो, उसकी कार्यक्षमता बढ़े, उसका सही इस्तेमाल हो, इसके लिए अटल जल योजना शुरू की जा रही है.
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक के 8350 गांव इस योजना के लिए चुने गए हैं. इन गांवों के सभी लोगों और किसानों के साथ मिलकर यह कार्यक्रम तैयार किया जाएगा. इन गांवों में पानी का किफायती प्रबंध इस योजना का उद्देश्य है.
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प्रकाश जावडेकर ने बताया कि किसानों की आमदनी दोगुना करने में पानी की सतत उपलब्धता बहुत ही जरूरी है और अटल जल योजना इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी.
अटल टनल योजना
अटल टनल योजना के बारे में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मनाली (Manali) से लेह से एक टनल खोदने के काम 2005 में मंजूर हुआ था. 2003 में इस योजना की परिकल्पना बनी थी. लाहौल और स्पीति (Lahaul And Spiti) तक काम पूरा हो चुका है. 80 फीसदी तक काम हो चुका है. इस योजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 4000 करोड़ रुपये और मंजूर किए गए हैं. उन्होंने बताया कि 8.8 किलोमीटर लंबी इस टनल से मनाली से लेह जाने के लिए 46 किलोमीटर का रास्ता बचेगा और 5 घंटे बचेंगे.
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उन्होंने बताया कि यह 10,000 फुट से ज्यादा ऊंचाई पर दुनिया का सबसे लंबा टनल होगा. इस टनल का नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल टनल रखा गया है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह टनल पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि दूरी कम होने से वाहनों का प्रदूषण कम होगा.
04:47 PM IST