मेट्रो कैश एंड कैरी स्टोर पर छापा, बिना ISI मार्क के ग्राहकों को बेचे जा रहे थे खिलौने, बीआईएस ने लिया एक्शन
BIS officals raid Metro Cash and Carry store: दावा की क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर का पालन किए बिना यहां ग्राहकों को खिलौने बेचे जा रहे थे.
भारत सरकार ने खिलौने बेचने को लेकर जारी किए थे आदेश. (फोटो सोर्स- पीआईबी)
भारत सरकार ने खिलौने बेचने को लेकर जारी किए थे आदेश. (फोटो सोर्स- पीआईबी)
BIS officals raid Metro Cash and Carry store: भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अधिकारियों की टीम ने बोरीवली पूर्व में मेट्रो कैश एंड कैरी स्टोर पर छापा मारा है. 13 जनवरी 2022 को अधिकारियों द्वारा यहां छापा मारा गया. छापे के दौरान बड़ी मात्रा में बिना ISI मार्क के खिलौने स्टोर से बरामद किया गया. दावा की क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर का पालन किए बिना यहां ग्राहकों को खिलौने बेचे जा रहे थे.
अधिकारियों की टीम ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों का उल्लंघन करने पर स्टोर से भारी मात्रा में अप्रमाणित खिलौने जब्त किए. पीआईबी मुंबई की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि स्टोर भारत सरकार द्वारा जारी खिलौनों पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों का उल्लंघन करते हुए, बीआईएस मानक चिह्न के बिना, इलेक्ट्रिक और गैर-इलेक्ट्रिक खिलौनों की बिक्री में लिप्त पाया गया है. इस वजह से स्टोर में बिकने वाले खिलौनों को जब्त करने के आदेश दिए गए हैं.
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भारत सरकार ने खिलौने बेचने को लेकर जारी किए थे आदेश
दरअसल, 1 जनवरी, 2021 से देश में बेचे जाने वाले सभी खिलौनों को बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बीआईएस से प्रमाण लेना था. बच्चों को बेचे जाने वाले खिलौने को बीआईएस द्वारा प्रमाणित किया जाएगा और उन पर बीआईएस मानक का निशान होगा. भारत सरकार द्वारा जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों का उल्लंघन एक दंडनीय अपराध है जिसमें दो साल तक की कैद या न्यूनतम 2,00,000 रुपये का जुर्माना या दोनों बीआईएस अधिनियम 2016 के अनुसार लगाया जा सकता है.
बिना ISI मार्क के खिलौने बेचना कानूनी अपराध
खिलौने बनाने वाले डीलरों और व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे बीआईएस से प्रमाणीकरण के बिना खिलौनों के निर्माण और बिक्री ना करें. इसके अलावा ग्राहक बीआईएस केयर ऐप का उपयोग कर के भी खिलौने की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं. बता दें कि मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय थोक कंपनी मेट्रो की इकाई है, जो 34 देशों में काम करती है. इसने 2003 में भारतीय बाजार में कदम रखा.
12:57 PM IST