मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दवा कंपनियों के डायरेक्टर्स भी होंगे घटिया क्वालिटी के जिम्मेदार
मद्रास हाइकोर्ट ने कहा कि अगर कोई दवा कंपनी घटिया क्वालिटी की दवा बनाती है तो इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर्स को भी जम्मेदार ठहराया जाएगा. कोर्ट ने सनराइज इंटरनेशनल लैब्स मामले में यह अहम फैसला सुनाया है.
दवाओं की खराब क्वालिटी के लिए दवा कंपनी के पूरे बोर्ड को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. मद्रास हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते सनराइज इंटरनेशनल लैब्स नाम की दवा कंपनी के डायरेक्टर्स की अपील को खारिज करते हुए ये आदेश दिया है. जस्टिस जी जयचंद्रन की बेंच का ये फैसला मौजूदा हालात में काफी अहम हो सकता है. क्योंकि हाल के दिनों की कुछ घटनाओं के बाद दवा कंपनियों की क्वालिटी और उनकी निगरानी को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है.
खराब क्वालिटी की दवा सप्लाई से संबंधित मामला
यह मामला सरकारी अस्पतालों में खराब क्वालिटी की दवा सप्लाई से संबंधित है. इस मामले में दवा कंपनी के डायरेक्टर्स की दलील थी कि उनका सीमित रोल था, ऐसे में उन्हें इस मामले से दूर रखा जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि दवाएं बनाने का फैसला पूरे बोर्ड का था. ऐसे में दवाओं की क्वालिटी की जिम्मेदारी से डायरेक्टर्स नहीं बच सकते हैं.
सब-स्टैंडर्ड दवा सप्लाई का आरोप
कंपनी पर तमिलनाडु के सरकारी अस्पतालों में सब-स्टैंडर्ड दवा सप्लाई का आरोप लगा था. यह कंपनी थायरॉयड में काम आने वाली दवाई Carbimazole Tablet बनाती है. राज्य सरकार ने ड्रग्स एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट सेक्शन 34 के तहत कंपनी पर केस दर्ज किया गया था.
मुनाफा कमाया तो जिम्मेदारी भी उठानी होगी
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
कोर्ट में 4 में से 3 डायरेक्टर्स ने कहा था रोज के काम में उनकी भूमिका नहीं है. राज्य की दलील थी कि जनहित के खिलाफ काम में डायरेक्टर भी भागीदार. राज्य सरकार की दलील थी कि गलत काम से सभी ने फायदा कमाया है. ऐसे में जिम्मेदारी से मुंह नहीं फेरा जा सकता है. ऐसे में खराब दवा पर सभी डायरेक्टर्स की आपराधिक जिम्मेदारी बनती है.
10:08 PM IST