तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू घोटाला, ब्लैक में बेच डाले 14,000 लड्डू
तिरुपति बालाजी मंदिर का विशेष भोग लड्डू टोकन के बाद मिलता है. एक लड्डू की कीमत 25 रुपये हैं और टोकन 50 और 100 रुपये का होता है.
देश में इस समय मंदिर चर्चा में बने हुए हैं. केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हंगामा मचा हुआ है. अब आंध्र प्रदेश स्तिथ विश्व प्रसिद्ध दुनिया के सबसे अमिर भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू घोटाला सामने आया है. अपने आप में अनोखे इस घोटाले ने मंदिर प्रशासन की नींद उड़ा दी है और यह घोटाला मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है.
नवदुर्गा उत्सव नवरात्री में भक्तों की भीड़ को देखते हुए तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसिद्ध भोग लड्डुओं के वितरण के लिए विशेष इंतजाम किया गया था. यहां का लड्डू प्रसाद का विशेष महत्व है. और मंदिर की रसोई 'पोटू' में रोजाना 3 लाख लड्डू तैयार होते हैं.
जीआई टैग प्राप्त लड्डू
लड्डू तैयार करने के लिए विशेष सामग्री और सुरक्षा के कड़े मापदंडों का इस्तेमाल किया जाता है. एक लड्डू 174 वजनी होता है. दिलचस्प बात ये है कि इस विशेष लड्डू को 2009 में जियोग्राफिकल इंडिकेटर दिया गया. जीआई टैग मिलने से इस लड्डू की नकल नहीं की जा सकती है. लड्डू को बनाने के लिए चने का बेसन, चीनी, मक्खन, काजू, किशमिश और इलायची की इस्तेमाल किया जाता है.
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टोकन से मिलता है लड्डू
तिरुपति बालाजी मंदिर का विशेष भोग लड्डू टोकन के बाद मिलता है. एक लड्डू की कीमत 25 रुपये हैं और टोकन 50 और 100 रुपये का होता है, जिसमें दो लड्डू (50 रुपये) और चार लड्डू (100 रुपये) मिलते हैं.
विशेष यात्रियों और स्टॉफ को छूट
तिरुपति बालाजी मंदिर में दिव्य दर्शन के लिए अलिपरी और श्रीवरी मेट्टू की पद यात्रा करने वाले यात्रियों को लड्डु में विशेष छूट दी जाती है. इन यात्रिकों को 10 रुपये में दो लड्डू दिए जाते हैं. इन यात्राओं के लिए विशेष टोकन लेना होता है, जिसका चार्ज भी अलग-अलग है. बिना टोकन लिए लंबी लाइन में लगकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भी रियायती दर पर 10 रुपये के दो लड्डू दिए जाते हैं. 300 रुपये के स्पेशल टोकन पर दो लड्डू मुफ्त मिलते हैं. जबकि इसकी असली लागत 32 रुपये 50 पैसे प्रति लड्डू आती है.
श्रद्धालुओं के अलावा वहां के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों को हर महीने 10 लड्डू (5 रुपये प्रति) दिए जाते हैं. बताया जा रहा है कि लड्डुओं की बिक्री से ही टीटीडी हर साल कई करोड़ा का राजस्व हासिल करती है.
क्या है लड्डू घोटाला
अब आते हैं लड्डू घोटाले पर. टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, नवरात्र ब्रह्मोत्सव की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम (टीटीडी) ने गरुड़ सेवा के लिए अलग से व्यवस्था की थी और इसके लिए अस्थाई तौर पर कर्मचारी नियुक्त किए गए थे. टीटीडी से मिली जानकारी के मुताबिक 14, 15 और 16 अक्तूबर को लड्डुओं के 30 हजार टोकन दिए गए, जिसमें 100 और 50 रुपए वाले टोकन शामिल थे. ये टोकन लड्डू प्रसादम टिकट (एलपीटी) पर तैनात कर्मचारियों द्वारा बांटे गए थे. जांच में सामने आया है कि कर्मचारियों ने पुराने टोकन के आधार पर ही लड्डू बेच डाले. यानी लड्डू तो बिक गए लेकिन पैसा टीटीडी के खजाने में ना जाकर कर्मचारियों की जेब में चला गया.
टीटीडी की जांच एजेंसी इस मामले में कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है.
01:45 PM IST