Kargil Vijay Diwas: शहीद हुए नायकों के सम्मान में मनाया जाता 'करगिल विजय दिवस', जानें क्या है इसके पीछे का इतिहास
आज से ठीक 23 साल पहले भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध (India Pakistan war) में पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था.
देश में आज करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जा रहा है. इस मौके पर देश के लिए कुर्बानी देने वाले वीर सपूतों के शौर्य को याद किया जा रहा है. दोनों देशों के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध को जीतने की याद में हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है. पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर जिन जगहों पर कब्जा कर लिया था, भारत के जांबाज फौजियों ने उन दुर्गम स्थानों पर दोबारा तिरंगा फहराया था. 60 दिन से ज्यादा चलने वाली इस लड़ाई को ऑपरेशन विजय नाम दिया गया था.
चरवाहों से मिली थी घुसपैठियों की जानकारी
दरअसल, सर्दियों के मौसम में सैनिक ऊंची चोटियों पर अपनी पोस्ट छोड़कर निचले इलाकों में आ जाते थे. पाकिस्तान और भारतीय दोनों सेनाएं ऐसा करती थीं. लेकिन पाकिस्तानी सैनिकों ने चुपके से घुसपैठ करके प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया था. भारतीय सेना को इस घुसपैठ की जानकारी चरवाहों से मिली. चरवाहों ने पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को वहां देख लिया था. इसके बाद भारतीय सेना ने घुसपैठियों से अपनी जमीन को खाली कराने के लिए ‘ऑपरेश विजय’ चलाया. 60 दिन से ज्यादा चलने वाली इस लड़ाई में 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे.
कारगिल युद्ध का कारण
ये लड़ाई जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में साल 1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी.पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जानकारी दिए बिना तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ करवाई थी.अक्टूबर 1998 में उस समय के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने करगिल प्लान को मंजूरी दी थी. कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा कर लिया था. नियंत्रण रेखा के जरिये घुसपैठ करने की साजिश थी. भारतीय नियंत्रण रेखा (एलओसी) से पाकिस्तानी सैनिकों को हटाने के लिए ये युद्ध हुआ.
भाड़ी मात्रा में रॉकेट और बमों का प्रयोग
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इस युद्ध में भाड़ी मात्रा में रॉकेट और बमों का प्रयोग किया गया था। करीब दो लाख पचास हजार गोले, बम और रॉकेट दागे गए थे। करीब 5 हजार तोपखाने के गोले, मोर्टार बम और रॉकेट 300 बंदूकें, मोर्टार और एमबीआरएल से प्रतिदिन दागे जाते थे. जिस दिन टाइगर हिल को वापस लाया गया था उस दिन 9 हजारगोले दागे गए थे.ऐसा कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एकमात्र युद्ध था जिसमें दुश्मन सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी। अंत में, भारत ने एक जीत हासिल की।
तीनों सेना प्रमुखों ने सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
तीनों सेना प्रमुखों - थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कारगिल विजय दिवस पर दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.
सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करगिल विजय दिवस पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है. इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन. जय हिंद!
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने करगिल विजय दिवस पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि करगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को मैं नमन करती हूं। सभी देशवासी, उनके और उनके परिवारजनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे. जय हिन्द!
10:18 AM IST