Inflation: सब्ज़ियों की कीमतों में लगी आग से देश के हर दस में से नौ घर परेशान, 87% भारतीय परिवार प्रभावित
Inflation: मार्च से बढ़ रही सब्ज़ियों की कीमतों से लगभग 87 प्रतिशत भारतीय परिवार प्रभावित हैं. सर्वेक्षण करवाने वाली संस्था लोकल सर्किल्स का कहना है कि उसे भारत के 311 जिलों में रहने वाले नागरिकों से 11,800 प्रतिक्रियाएं मिलीं.
सात प्रतिशत लोगों का मानना था कि उन्हें दोगुना दाम से ज्यादा का भुगतान करना पड़ा.
सात प्रतिशत लोगों का मानना था कि उन्हें दोगुना दाम से ज्यादा का भुगतान करना पड़ा.
Inflation: सब्जियों की कीमतों ने लोगों को परेशान कर रखा है. बीते महीने से लगातार बढ़ रही सब्ज़ियों की कीमत (vegetable prices) ने भारत के हर 10 में से नौ घरों को परेशान किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक सर्वे में यह बात सामने आई. सर्वेक्षण करवाने वाली संस्था लोकल सर्किल्स का कहना है कि उसे भारत के 311 जिलों में रहने वाले नागरिकों से 11,800 प्रतिक्रियाएं मिलीं. संस्था का दावा है कि मार्च से बढ़ रही सब्ज़ियों की कीमतों से लगभग 87 प्रतिशत भारतीय परिवार प्रभावित हैं.
कुछ सब्ज़ियों की कीमतें आसमान पर
खबर के मुताबिक, लोकल सर्किल्स ने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि पिछले महीने कुछ सब्ज़ियों की कीमतें आसमान छू गई थीं. सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सब्ज़ियों की कीमतों में 25 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी को अनुभव कर रहे हैं. 36 प्रतिशत लोगों ने माना कि पिछले महीने की तुलना में इस महीने वे सब्ज़ियों की समान मात्रा के लिए 10-25 प्रतिशत ज्यादा का भुगतान कर रहे हैं, जबकि दूसरे 14 प्रतिशत ने कहा कि वे 0 से 10 प्रतिशत ज्यादा का भुगतान कर रहे हैं.
25-50 प्रतिशत ज्यादा भुगतान देना पड़ा
करीब 25 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्हें 25-50 प्रतिशत ज्यादा भुगतान देना पड़ा, जबकि दूसरे पांच प्रतिशत लोगों का मानना था कि मार्च की तुलना में उतनी ही मात्रा में खरीदी जाने वाली सब्ज़ियों के दाम (vegetable prices) के लिए अतिरिक्त 50-100 प्रतिशत दाम देने पड़े. सात प्रतिशत लोगों का मानना था कि उन्हें दोगुना दाम से ज्यादा का भुगतान करना पड़ा.
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सर्वे में 36 प्रतिशत महिलाएं भी थीं
महंगाई (Inflation) से जुड़े इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले सिर्फ 2 प्रतिशत जवाब देने वालों ने कहा कि वे वास्तव में कम भुगतान कर रहे थे और चार प्रतिशत की राय थी कि कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ. सात फीसदी लोगों ने कहा कि वे तब और अब की कीमतों में अंतर नहीं कर पा रहे हैं. सर्वेक्षक का कहना था कि सर्वेक्षण में सिर्फ भारतीय नागरिकों को उनके दस्तावेजों को मान्य करने के बाद रजिस्टर किया गया था. सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले लोगों में लगभग 64 प्रतिशत प्रतिभागी पुरुष थे जबकि 36 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं.
06:14 PM IST