देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 2023 में होागा पूरा, जानिए क्या है इसकी खासियत
नए एक्सप्रेसवे से दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे हो जाएगी और दूरी 130 किमी तक कम होने की उम्मीद है
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे यानी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम तेजी के साथ चल रहा है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ इस ड्रीम हाईवे प्रोजेक्ट का दौरा और प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस की समीक्षा की. इसके बाद गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो 1380 किलोमीटर लंबाई वाला भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, दो साल में पूरा हो जाएगा.
2023 में होगा प्रोजेक्ट पूरा
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से गुजरने वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2023 में पूरा होने की उम्मीद है. परियोजना को पूरा करने के लिए कुल 98,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे बड़े पैमाने पर सुधार आएगा. दिल्ली और मुंबई के बीच सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी बहुत तेज हो जाएगी.
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इतनी बढ़ेगी कनेक्टिविटी
यही नहीं ये एक्सप्रेसवे दिल्ली के शहरी केंद्रों को कॉरिडोर के दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना खंड के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को भी जोड़ेगा. इसके अलावा, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के छह राज्यों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी बढ़ेने से लाखों लोगों की आर्थिक समृद्धि का रास्ता खुलेगा.
ये दूरियां भी कम करने का टार्गेट
सोहना में मीडिया को संबोधित करते हुए, गडकरी ने ये भी कहा कि, "दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे दो साल में लॉन्च किया जाएगा, 727 की दूरी को कम कर के 572 किलोमीटर किया जाएगा जिससे आप छह घंटे में दिल्ली से कटरा पहुंच सकेंगे. उन्होंने बताया कि केवल यही नहीं दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से देहरादून और दिल्ली से हरिद्वार पहुंचनेवाली सड़क को और डेवलप करके इसे दो घंटे का रास्ता कर रहे हैं. परियोजना की शुरुआत 2018 में 9 मार्च, 2019 को हुई थी. 1,380 किलोमीटर में से, 1,200 किलोमीटर से अधिक के अनुबंध पहले ही दिए जा चुके हैं और प्रगति पर है.
क्या है इस एक्सप्रेसवे की बड़ी खासियतें
- इससे 320 मिलियन लीटर से अधिक की वार्षिक ईंधन बचत होगी और CO2 उत्सर्जन में 850 मिलियन किलोग्राम की कमी आएगी जो कि 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.
- नए एक्सप्रेसवे से दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे हो जाएगी और दूरी 130 किमी तक कम होने की उम्मीद है.
- एक्सप्रेसवे में दो आइकोनिक 8 लेन सुरंगें भी शामिल होंगी जो देश के इंजीनियरिंग कौशल के लिए एक मिसाल होगी. साथ वही मुकुंदरा अभयारण्य के वन्यजीवों की आसान मूवमेंट के लिए 4 किलोमीटर के लिए क्षेत्र में लुप्तप्राय जीवों को परेशान किए बिना और दूसरी माथेरान के इको सेंसिटिव जोन में 4 किमी लंबी 8 लेन-सुरंग से गुजरेगी.
- इस परियोजना के लिए 80 लाख टन सीमेंट की खपत होगी जो भारत की वार्षिक सीमेंट उत्पादन क्षमता का लगभग 2% है
05:23 PM IST