भारत में Blockchain में अगुआ बनने की क्षमता, देश में लगातार हो रहा है विस्तार
कनाडा के विशेषज्ञ बॉब टैपस्कॉट का कहना है कि भारत में यह क्षमता है कि वह ब्लॉकचेन क्रांति में अगुवा बन सकता है.
2008-09 में बिटक्वाइन द्वारा लॉन्च की गई यह तकनीक बेहद जटिल है. इसे हैक करना मुश्किल माना जाता है.
2008-09 में बिटक्वाइन द्वारा लॉन्च की गई यह तकनीक बेहद जटिल है. इसे हैक करना मुश्किल माना जाता है.
भारत में ब्लॉकचेन का प्रचार-प्रसार तेजी से हो रहा है. कई कंपनियों ने सुरक्षित लेनदेन के लिए ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. भारत में इसे लेकर बहुत संभावनाएं और क्षमताएं हैं. कनाडा के विशेषज्ञ बॉब टैपस्कॉट का कहना है कि भारत में यह क्षमता है कि वह ब्लॉकचेन क्रांति में अगुवा बन सकता है. टैपस्कॉट ने यहां केरल ब्लॉकचेन एकेडमी (केबीए) द्वारा आयोजित सम्मेलन 'ब्लॉकहैश लाइव 2018' में कहा, "जब मैं सिलिकॉन वैली में काम कर रहा था, भारत के लोगों द्वारा बनाए उत्पाद का प्रतिशत चौंकाने वाला था, जहां प्रतिभा और कौशल का निपुण पारिस्थितिकी तंत्र है."
उन्होंने कहा, "देश की प्रतिभा को देखते हुए, मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि भारत में ब्लॉकचेन क्रांति का अगुवा बनने की क्षमता है." इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में केरल के साथ ही पूरे देश के लिए ब्लॉकचेन में वैश्विक कारोबार के अवसर की पेशकश की गई.
टैपस्कॉट ने जोर देकर कहा, "कनाडा इस क्षेत्र की इच्छुक है, जबकि स्विटरलैंड ने क्रिप्टो में बढ़त हासिल कर ली है, लेकिन जरूरी नहीं है कि ब्लॉकचेन क्रांति में भी बढ़त हासिल कर ले. जहां तक ज्ञान, क्षमता और प्रौद्योगिकी की बात है, तो भारत अगुवा बनने की स्थिति में है."
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बता दें कि पिछले महीने ही बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एचएसबीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपने वित्तीय लेनदेन के लिए 'ब्लॉकचेन' तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया था. 'ब्लॉकचेन' के आने से कारोबारी लेन-देन में कागजों का झंझट खत्म हो गया और यह तरीका बेहद सुरक्षित माना जा रहा है. ब्लॉकचेन न केवल सुरक्षित लेन-देन का साधन बनकर उभर रहा है, बल्कि यह नया क्षेत्र बंपर नौकरियां भी लेकर आ रहा है.
पूरी तरह से सुरक्षित है ब्लॉकचेन
ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिसमें क्रेता-विक्रेता के मध्य सीधा ही पैसे का ट्रांसफर किया जाता है. इस ट्रांजेक्शन में किसी भी बिचोलिये की आवश्यकता नहीं होती है. अभीतक दो लोगों के बीच आर्थिक लेन-देन थर्ड पार्टी के माध्यम से ही होता है. और ये थर्ड पार्टी जैसे बैंक, मनी ट्रान्सफर आदि इस ट्रांजेक्शन के लिए कुछ फीस भी वसूलती हैं. जबकि ब्लॉकचेन में थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं होती है और यहां आर्थिक लेन-देन पर किसी तरह की फीस नहीं लगती. ब्लॉकचेन के ट्रांजेक्शन में बहुत कम समय लगता है. इसके अलावा ब्लॉकचेन पूरी तरीके से सुरक्षित है. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी, एक प्लेटफॉर्म हैं जहां डिजिटल करेंसी के साथ किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ब्लॉकचैन एक डिजिटल लेजर है.
2008-09 में बिटक्वाइन द्वारा लॉन्च की गई यह तकनीक बेहद जटिल है. इसे हैक करना मुश्किल माना जाता है. इस तकनीक में सभी डिजिटल ट्रांजेक्शन का ब्योरा सुरक्षित रहता है. साइबर क्राइम और हैकिंग को रोकने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को फुलप्रूफ सिस्टम के तौर पर माना जाता है.
03:02 PM IST