दिवाली पर CSIR के वैज्ञानिकों ने बनाए 'ग्रीन पटाखे', अब होगा लिमिटेड प्रदूषण- अनलिमिटेड मस्ती
सु्प्रीम कोर्ट ने दिवाली के दिन कुछ शर्तों के साथ पटाखों की इजाजत दी है, जिसमें ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल करने की शर्त शामिल है. सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने ऐसे ग्रीन पटाखे तैयार किए हैं, जिनसे प्रदूषण कम होता है और वो धूल को फैलने से रोकते हैं.
ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल से प्रदूषण को काफी कम किया जा सकता है.
ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल से प्रदूषण को काफी कम किया जा सकता है.
सु्प्रीम कोर्ट ने दिवाली के दिन कुछ शर्तों के साथ पटाखों की इजाजत दी है, जिसमें ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल करने की शर्त शामिल है. ऐसे में दीपावली के दिन पटाखों और आतिशबाजी की रोशनी के बीच त्योहार की खुशियां मानने वालों के लिए काउंसिल ऑफ साइंटिस्ट एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के वैज्ञानिक एक खुशखबरी लाए हैं. सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने ऐसे ग्रीन पटाखे तैयार किए हैं, जिनसे प्रदूषण कम होता है और वो धूल को फैलने से रोकते हैं.
समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उनके एक फार्मुलेशन से विस्फोट के दौरान पानी के मॉल्युकल्स निकलते हैं, जो धूल को फैलने से रोक लेते हैं और खतरनाक कणों से होने वाले खतरे को कम कर देते हैं. इसके अलावा यदि लोग इलेक्ट्रॉनिक पटाखे इस्तेमाल करना चाहें तो इसके लिए ई-क्रैकर्स के प्रोटोटाइप भी तैयार हैं.
क्या हैं ग्रीन पटाखे
आमतौर पर पटाखों के विस्फोट के साथ ही हानिकारक तत्व भी वातावरण में फैल जाते हैं. इसे रोकने के लिए ग्रीन पटाखों में ऐसे केमिकल फॉर्मुलेशन होते हैं, जो पानी के अणु पैदा करते हैं. विस्फोट के साथ ही पानी के अणु खतरनाक धूल को वातावरण में फैलने से रोक देते हैं. इस कारण वातावरण में नाइट्रस ऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड का फैलाव बहुत कम हो जाता है. इस तरह इन पटाखों से आवाज और रोशनी तो भरपूर होती है, लेकिन प्रदूषण बहुत कम होता है. यानी हर तरह से फायदा.
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कब से मिलेंगे ये पटाखे
सीएसआईआर के पटाखों को वाणिज्यिक उत्पादन से पहले कुछ जरूरी मंजूरियां हासिल करनी होंगी. सरकार के पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से इसकी मंजूरी हासिल करनी होगी. उसके बाद ही ये पटाखे बाजार में आ सकेंगे. इन पटाखों को पीईएसओ की मंजूरी के लिए भेजा जा चुकी है और उम्मीद है कि जल्द ही इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा.
सीएसआईआर के राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग शोध संस्थान (एनईईआरआई) के निदेशक राकेश कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'जैसे ही पीईएसओ इन फॉर्मुलेशन को मंजूरी दे देगा, मैन्युफैक्चर इसका उत्पादन शुरू कर देंगे. हम लोग भी मैन्युफैक्चर्स की मदद करेंगे, ताकि वो तेजी से मांग को पूरा कर सकें.'
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि केवल ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल किया जाए. सीएसआईआर के ग्रीन पटाखो से प्रदूषण ममें 30-35 प्रतिशत कमी आती है. अब ये पीईएसओ पर है कि वो जल्दी से इन्हें मंजूरी दे और ये पटाखे बाजार में आ जाएं.
05:56 PM IST