देश की बात: 'भागवत वाणी' का क्या है संदेश? राम मंदिर के लिए आएगा अध्यादेश?
ram temple: उदयपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि राम का काम होकर रहेगा, राम का काम करना है. 3 जून को अयोध्या में साधु-संतों की बैठक है. माना जा रहा है कि सरकार पर दबाव बनाया जाएगा कि अध्यादेश लाया जाए.
साधु-संतों ने भी राम मंदिर की मांग सरकार तक पहुंचाने के लिए बैठक का ऐलान कर दिया है. (जी बिजनेस)
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साधु-संतों ने भी राम मंदिर की मांग सरकार तक पहुंचाने के लिए बैठक का ऐलान कर दिया है. (जी बिजनेस)
राम मंदिर कब बनेगा? ये एक ऐसा सवाल जो कि पिछले कई साल से देश पूछ रहा है.अयोध्या में जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. जबकि कई चुनावों में राम मंदिर मुद्दा बन चुका है. अब प्रचंड जीत के साथ मोदी सरकार की वापसी हुई है. जाहिर है मंदिर को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं. वहीं, उदयपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि राम का काम होकर रहेगा, राम का काम करना है. 3 जून को अयोध्या में साधु-संतों की बैठक है. माना जा रहा है कि सरकार पर दबाव बनाया जाएगा कि अध्यादेश लाया जाए. हालांकि, सरकार कहती रही है कि मामला कोर्ट में है और इसे कोर्ट के फैसले के आधार पर ही निपटाना चाहिए. लेकिन, बीजेपी के ही कई नेता ये कहते रहते हैं कि मंदिर वहीं बनेगा, लेकिन कब बनेगा ये नहीं पता.
क्या वक्त आ गया है कि इस मुद्दे को निपटाने के लिए हर प्रयास किया जाए. कोर्ट के फैसले के साथ-साथ, आपसी बातचीत या फिर अध्यादेश का सहारा लिया जाए. आज देश की बात में यही मुद्दा है राम का काम कैसे होगा.
फिर तेज हुई मंदिर निर्माण की कोशिशें?
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर कब बनेगा. कई दशक हो गए लेकिन मंदिर निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका है. क्योंकि, जमीन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है. हालांकि, इस बात पर भी विचार होता रहा है कि ये मुद्दा आपसी बातचीत से सुलझ जाए. लेकिन, अभी तक कोई हल नहीं निकला है. हालांकि, राम मंदिर के पैरोकार ये भी कहते रहे हैं कि मंदिर तो वहीं बनेगा. 5 साल पहले केंद्र में बीजेपी की सरकार फुल मेजॉरिटी से आई तो उम्मीद जगी कि मंदिर निर्माण पर कोई हल निकलेगा. लेकिन, सरकार ने हमेशा कहा कि कोर्ट का फैसला माना जाएगा. अब मोदी सरकार दोबारा लौटी है और वो भी ज्यादा ताकत के साथ तो ये अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की कोशिश भी तेज हो गई हैं.
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मोहन भागवत का किस ओर है इशारा?
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि राम का काम होकर रहेगा. भक्तों के बीच भागवत ने ये भी कहा है कि राम का नाम लेने से नहीं बल्कि राम का काम करने से प्रभु पसन्न होते हैं. भागवत ने ये बातें उदयपुर के बड़गांव इलाके में एक जन समर्पण कार्यक्रम में कही. आरएसएस शुरू से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पैरोकार रहा है. इसके लिए अखिल भारतीय स्तर पर कई आंदोलन भी चलाए गए हैं. यह संस्था मौजूदा बीजेपी सरकार पर दबाव भी बनाती रही है ताकि किसी उचित फैसले के तहत राम मंदिर का निर्माण हो सके. मोहन भागवत के इस बयान से कयास यही लगाए जा रहे हैं कि वह अयोध्या में राम मंदिर की बात कर रहे हैं.
क्या पीएम मोदी ने भी कर गए इशारा?
वहीं साधु-संतों ने भी राम मंदिर की मांग सरकार तक पहुंचाने के लिए बैठक का ऐलान कर दिया है. 3 जून को अयोध्या में सांधु-संतों की बैठक होगी, जिसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा की जाएगी. वहीं, जीत के बाद काशी पहुंचे नरेंद्र मोदी ने लोगों का आभार जताने के साथ विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया. अयोध्या की भी जिक्र किया. नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति की वजह से अब तक अयोध्या में दिवाली नहीं मनाई गई.
चुनाव में नहीं हुई चर्चा
पूरे चुनाव भर राम मंदिर मुद्दे को लेकर चर्चा न के बराबर हुई. नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में चुनावी रैली भी की लेकिन मंदिर के मुद्दे से दूर ही रहे. ऐसे में मोहन भागवत के बयान से एक बार अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हलचल तेज हो गई है. फिलहाल, अयोध्या में विवादित जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. लेकिन, सवाल ये है कि क्या अब सरकार पर मंदिर बनाने के लिए दबाव नहीं बनेगा.
और ताकतवर मोदी सरकार
मोदी सरकार का दूसरा अवतार पहले से भी ज्यादा ताकतवर है. मंदिर के पैरोकारों को हमेशा ये लगता रहा है कि बीजेपी ही वो पार्टी है जो अयोध्या में मंदिर बनवा सकती है. क्या मंदिर के मुद्दे पर अब संत समाज सरकार पर कोई दवाब बनाएगा. क्या सरकार पर इस बात का भी दबाव बढ़ेगा कि संसद में अध्यादेश लाकर मंदिर बनाने की सारी अड़चनें खत्म की जाएंगी. आखिर किस तरह राम का काम होगा? कैसे बनेगा मंदिर?
08:22 PM IST