बच्चों को कितना नुकसान पहुंचा रहा है कोरोना वायरस, ICMR की स्टडी में सामने आई सच्चाई
Covid-19 Update: बच्चो को कोरोना वायरस कितना नुकसान पहुंचा रही है, इसे लेकर ICMR ने एक स्टडी की. इसके मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आधे से अधिक बच्चों को कोविड-19 अपनी चपेट में ले चुका है.
बच्चों में कोरोना वायरस होने पर घबराने की जरूरत नहीं है. (Source: PTI)
बच्चों में कोरोना वायरस होने पर घबराने की जरूरत नहीं है. (Source: PTI)
Covid-19 Update: अगर कोरोना वायरस से बचाव के लिए आपके बच्चे को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, तो भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है. कोरोना वायरस के दूसरी लहर के दौरान की गई एक स्टडी बताती है कि बच्चों में कोरोना वायरस ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती है. हालांकि फिर भी आपको पूरी तरह से सतर्क और सावधान रहना है.
छोटे बच्चों के लिए नहीं है वैक्सीन
भारत में अभी 15-18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुआ है. छोटे बच्चों के लिए अभी भी देश में कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है. बच्चों के माता-पिता इस कारण अपने बच्चों को लेकर सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन कर रहे हैं. अभी भी 15 साल से छोटे बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा है.
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देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से पीड़ित कुछ ही बच्चों को भर्ती कराने की जरूरत पड़ी है. इन बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों के मामले में बुखार और खांसी की हल्की दवाओं से ही इलाज करके काम हो जा रहा है. इसलिए अगर आपके बच्चों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है, तो भी घबराने की कोई बात नहीं है.
आधे से अधिक बच्चों को हो चुका है कोविड
ICMR ने बच्चों में कोरोना वायरस के असर को समझने के लिए 8 राज्यों में एक स्टडी किया था. इस स्टडी में पाया गया कि आधे से ज्यादा बच्चों को कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वायरस ने अपना शिकार बना लिया है. इस स्टडी में कुल 583 सैंपल में से 512 की जिनोम सीक्वेंसिंग हुई इनमें से 372 में वैरीअंट ऑफ कंसर्न मिले.
इसमें करीब 66 फीसदी बच्चों के सैंपल में डेल्टा वेरिएंट मिला. 9 फीसदी बच्चों के सैंपल में कप्पा, 7 फीसदी के सैंपल में अल्फा और 5 फीसदी के सैंपल में बीटा वेरिएंट मिला.
हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी कहा है कि बच्चों के मामले में आमतौर पर केवल पेरासिटामोल से काम चल जाता है. इसलिए उन्हें बिना जरूरत दवा देने की आवश्यकता नहीं है.
बच्चों को कोरोना होने की स्थिति में क्या करें
देश में 15 से 18 साल तक के बच्चों का वैक्सीनेशन तेजी से किया जा रहा है. अगर आपके बच्चों में भी कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट के लक्षण देखने को मिलत हैं, तो बच्चों को आरामदायक स्थिति में सुलाएं. बच्चों को खाने में गरम और तरल पदार्थ दें. ऐसी चीजें खिलाएं, जिससे बलगम ढीला हो सके. डॉक्टर की सलाह लेते रहें.
10:24 PM IST