Chandrayaan 2 के बाद ISRO ने की इस मिशन की तैयारी, देश के लिए होगा बड़ा कदम
Chandrayaan 2 मिशन के तहत भेजे गए विक्रम लैंडर से संपर्क करने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं. दरअसल चांद पर अंधेरा छाना शुरू हो गया है. चांद पर रात में तापमान - 185 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा जाता है. ISRO ने विक्रम लैंडर को इस तरह से डिजाइन नहीं किया है कि वो इतनी ज्यादा ठंड में भी काम कर सके. चंद्रमा
Chandrayaan 2: विक्रम लैंडर से संपर्क करना हुआ मुश्किल, ये है कारण (फाइल फोटो)
Chandrayaan 2: विक्रम लैंडर से संपर्क करना हुआ मुश्किल, ये है कारण (फाइल फोटो)
Chandrayaan 2 मिशन के तहत भेजे गए विक्रम लैंडर से संपर्क करने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं. दरअसल चांद पर अंधेरा छाना शुरू हो गया है. चांद पर रात में तापमान - 185 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा जाता है. ISRO ने विक्रम लैंडर को इस तरह से डिजाइन नहीं किया है कि वो इतनी ज्यादा ठंड में भी काम कर सके. चंद्रमा पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है. इसी को ध्यान में रखते हुए ISRO ने इस तरह से प्लानिंग की थी कि जब लैंडर चांद की सतह पर लैंड करे तो वहां पर दिन हो. इसरो अब अपने अगले मिशन पर ध्यान दे रहा है.
इसरो अब इस मिशन पर देगा ध्यान
इसरो प्रमुख के. शिवन ने शनिवार को बताया कि Chandrayaan 2 के तहत भेजा गया ऑर्बिटर अच्छी तरह से काम कर रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि अब तक लैंडर विक्रम के साथ संपर्क नहीं हो पाया है. उन्होंने इस मौके पर कहा कि अब ISRO की प्राथमिकता अगला मिशन गगनयान है.
गगनयान मिशन के तहत होगा ये काम
गगनयान (Gaganyaan) मिशन भारत की ओर से मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को भेजे जाने का मिशन है. इसके तहत तीन लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. गगनयान मिशन के तहत बनाया गया यान डॉकिंग क्षमता से लैस किया गया है. यह पहला मानवयुक्त मिशन है. 3.7 टन का कैप्सूल तीन व्यक्तियों के दल के साथ सात दिनों के लिए 400 किमी (250 मील) की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेगा.
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ISRO ने ट्वीट कर कही ये बात
ISRO की ओर से ट्वीट के जरिए 19 सितम्बर को जानकारी दी गई थी कि विक्रम लैंडर से संपर्क क्यूं टूटा इसकी जांच National committee of academicians and ISRO मिल कर कर रहे हैं.
#Chandrayaan2 Orbiter continues to perform scheduled science experiments to complete satisfaction. More details on https://t.co/Tr9Gx4RUHQ
— ISRO (@isro) September 19, 2019
Meanwhile, the National committee of academicians and ISRO experts is analysing the cause of communication loss with #VikramLander
आज रात से छा जाएगा अंधेरा
चंद्रमा पर दिन ढलने के साथ ही शनिवार को रात का अंधेरा चंद्रमा पर रात शुरू हो जाएगी. विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सात सितंबर को उतरा था. लैंडिंग से 2.1 किलोमीटर पहले ही इसका ISRO से संपर्क टूट गया था. इस घटना के बाद से ही ISRO पिछले 14 दिनों से विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था. इस काम में इसरो ने NASA से भी मदद ली थी.
12:07 PM IST