198 सरकारी कंपनियों और निगमों को हुआ 2,00,419 करोड़ का घाटा, CAG की रिपोर्ट में खुलासा
CAG report 2022: 31 मार्च, 2021 तक इन कंपनियों (government companies) का कुल शुद्ध मूल्य 1,13,894 करोड़ रुपये तक निगेटिव हो गया था.
CAG report 2022: नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च, 2021 तक 198 सरकारी कंपनियों और निगमों को 2,00,419 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और इनमें से 88 कंपनियों की कुल संपत्ति घाटे के चलते पूरी तरह खत्म हो गई. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) की केंद्र सरकार (वाणिज्यिक) की सामान्य प्रयोजन वित्तीय रिपोर्ट-2022 की रिपोर्ट संख्या 27 गुरुवार को संसद में पेश की गई. न्यूज एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, इसमें कहा गया है, 31 मार्च, 2021 तक इन कंपनियों (government companies) का कुल शुद्ध मूल्य 1,13,894 करोड़ रुपये तक निगेटिव हो गया था. इन 88 कंपनियों में से सिर्फ 20 ने वर्ष 2020-21 के दौरान 973 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया.
453 सरकारी कंपनियों और निगमों से जुड़ी है रिपोर्ट
खबर के मुताबिक, यह रिपोर्ट 453 सरकारी कंपनियों और निगमों (छह वैधानिक निगमों सहित) और 180 सरकार-नियंत्रित दूसरी कंपनियों (government companies) से संबंधित है. कम से कम 84 सीपीएसई (सरकार द्वारा नियंत्रित 23 दूसरी कंपनियों सहित) जिनके अकाउंट तीन साल या उससे ज्यादा समय से बकाया थे या परिसमापन के अधीन थे या पहले खाते देय नहीं थे, इस रिपोर्ट (CAG report 2022) में शामिल नहीं हैं.
बिजली, पेट्रोलियम और वित्तीय सेवाएं
सरकारी कंपनियों और निगमों द्वारा दाखिल रिटर्न पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि 251 सरकारी कंपनियों और निगमों (government enterprises) ने 2020-21 के दौरान 1,95,677 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया, जिसमें से 72 प्रतिशत (1,40,083 करोड़ रुपये) का योगदान 97 सरकारी कंपनियों और निगमों द्वारा किया गया. तीन क्षेत्रों - बिजली, पेट्रोलियम और वित्तीय सेवाएं. इन 251 सीपीएसई में इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) वित्तवर्ष 2019-20 में 224 सीपीएसई में 13.54 प्रतिशत की तुलना में वित्तवर्ष 2020-21 में 16.34 प्रतिशत था.
वास्तविक रिटर्न की दर
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सरकारी निवेश पर वास्तविक रिटर्न की दर (आरओआरआर) पर कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रिपोर्ट में शामिल 633 सीपीएसई में से 195 सीपीएसई (CPSE) में केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष निवेश है. 173 सीपीएसई (58 सूचीबद्ध सीपीएसई और 115 गैर-सूचीबद्ध सीपीएसई) के संबंध में आरओआरआर की गणना 2000-01 से ऐतिहासिक लागत पर रिटर्न की पारंपरिक दर के साथ तुलना करने के लिए की गई है.
आरओआरआर में बीते पांच साल में गिरावट का ट्रेंड
CAG रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तवर्ष 2019-20 में 46.78 प्रतिशत की ऐतिहासिक लागत पर वापसी की पारंपरिक दर की तुलना में आरओआरआर 17.52 प्रतिशत था. आरओआरआर में 2006-07 तक बढ़ता ट्रेंड दिखाई देता है, जिसके बाद पिछले पांच वर्षों के दौरान इसमें गिरावट शुरू हुई. वित्तवर्ष 2016-17 में 10 प्रतिशत और 2020-21 तक 23 प्रतिशत की गिरावट रही.
80,105 करोड़ रुपये का डिविडेंड
रिपोर्ट (CAG report 2022) में आगे कहा गया है कि 112 सरकारी कंपनियों (government companies) और निगमों ने वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान 80,105 करोड़ रुपये का डिविडेंड घोषित किया. इसमें से केंद्र सरकार द्वारा हासिल/लाभांश की राशि 36,982 करोड़ रुपये थी, जो सभी सरकारी कंपनियों और निगमों में केंद्र सरकार द्वारा कुल निवेश (5,12,547 करोड़ रुपये) पर 7.22 प्रतिशत रिटर्न का प्रतिनिधित्व करती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत 10 सरकारी कंपनियों ने 28,388 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो सभी सरकारी कंपनियों और निगमों द्वारा घोषित कुल लाभांश का 35.44 प्रतिशत है.
वर्ष 2020-21 के दौरान 173 सीपीएसई को घाटा
कैग की रिपोर्ट (CAG report on government companies and enterprises) के मुताबिक, 20 सीपीएसई (CPSE) द्वारा लाभांश की घोषणा पर भारत सरकार के निर्देश का अनुपालन न करने के चलते वर्ष 2020-21 के लिए तय लाभांश के भुगतान में 9,449 करोड़ रुपये की कमी हुई. रिपोर्ट (CAG report 2022) के मुताबिक, वर्ष 2020-21 के दौरान 173 सीपीएसई को घाटा हुआ. वर्ष 2020-21 के दौरान इन कंपनियों को हुआ घाटा 2019-20 के 67,845 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 42,876 करोड़ रुपये रह गया.
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