Budget 2022 expectations: इंश्योरेंस कंपनियों की डिमांड, कहा- 80C के तहत इन्वेस्टमेंट लिमिट बढ़ाए सरकार
Budget 2022 expectations: जीवन बीमा लेने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर धारा 80सी के तहत बीमा प्रीमियम के भुगतान पर कम से कम एक लाख रुपये की अलग से छूट दी जाए. वर्तमान में सभी वित्तीय उत्पाद आयकर छूट की धारा(80सी) के तहत आती हैं और इसकी सीमा 1,50,000 रुपये है.
हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर माल एवं सेवा कर (GST) की वर्तमान 18 फीसदी दर को घटाकर पांच फीसदी किया जाए. (ज़ी बिज़नेस)
हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर माल एवं सेवा कर (GST) की वर्तमान 18 फीसदी दर को घटाकर पांच फीसदी किया जाए. (ज़ी बिज़नेस)
Budget 2022 expectations: बजट में इंश्योरेंस कंपनियों की भी अपनी डिमांड है. इंश्योरेंस कंपनियां आगामी आम बजट में इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर अलग से एक लाख रुपये की छूट की मांग कर रही हैं, ताकि ज्यादा लोगों को बीमा के दायरे में लाया जा सके. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बीमा कंपनियां यह भी चाहती हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर माल एवं सेवा कर (GST) की वर्तमान 18 फीसदी दर को घटाकर पांच फीसदी किया जाए ताकि ऐसे प्रोडक्ट्स आम लोगों के लिए ज्यादा सस्ते हो सकें.
बीमा प्रीमियम के भुगतान पर अलग से मिले छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2022-23 का आम बजट (budget 2022) पेश करेंगी. खबर के मुताबिक, केनरा एचएसबीसी ओबीसी लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) तरुण रस्तोगी ने कहा कि उद्योग की नीति निर्माताओं से लंबे समय से उम्मीद रही है कि लोगों को जीवन बीमा लेने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर धारा 80सी के तहत बीमा प्रीमियम के भुगतान पर कम से कम एक लाख रुपये की अलग से छूट दी जाए. वर्तमान में सभी वित्तीय उत्पाद आयकर छूट की धारा(80सी) के तहत (investment limit under 80C) आती हैं और इसकी सीमा 1,50,000 रुपये है.
अलग सेक्शन बनाने पर विचार हो
एडलवाइस टोकिओ लाइफ इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक सुब्रजीत मुखोपाध्याय ने कहा कि हम आशा करते हैं कि बजट (Budget) में जीवन बीमा के प्रीमियम के भुगतान पर कर कटौती के लिए अलग सेक्शन बनाने पर विचार होगा. एगीस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी विघ्नेश शाहणे ने कहा कि धारा 80सी में फिलहाल सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र समेत कई निवेश विकल्प शामिल हैं. ऐसे में टर्म पॉलिसी के लिए अलग सेक्शन अच्छा होगा.
TRENDING NOW
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
देश में इंश्योरेंस लेने की दर
बीमा नियामक आईआरडीएआई (IRDAI) की सालाना रिपोर्ट 2020-21 के मुताबिक देश में बीमा लेने की दर सकल घरेलू उत्पाद की 4.2 फीसदी है जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 7.4 फीसदी है. मार्च 2021 तक गैर-जीवन बीमा लेने की दर बमुश्किल एक फीसदी थी. इंश्योरेंस कंपनियों को बजट से काफी उम्मीदें हैं और पूरा भरोसा है कि सरकार इंश्योरेंस सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं करेगी.
08:16 PM IST