दालों की स्टॉक लिमिट पर सरकार का बड़ा फैसला; थोक कारोबारियों, मिलों और इम्पोर्टर्स को मिली राहत
Centre relaxed pulses stock limits: केंद्र सरकार ने दालों की कीमतों पर काबू पाने की कोशिशों के तहत जो स्टॉक लिमिट लगाई थी, उस पर रियायत दी है.
दालों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई है. (Representational)
दालों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई है. (Representational)
Centre relaxed pulses stock limits: केंद्र सरकार ने दालों की कीमतों पर काबू पाने की कोशिशों के तहत जो स्टॉक लिमिट लगाई थी, उस पर रियायत दी है. यह रियायत थोक विक्रेताओं, मिलों और इम्पोर्टर्स को मिली है. यह रियायत तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है. इससे पहले, सरकार ने कोरोनाकाल में दालों की महंगाई रोकने के लिए 31 अक्टूबर तक के लिए दालों की स्टॉक लिमिट तय कर दी है.
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और अन्य स्टेकहोल्डर्स से मिले फीडबैक के आधार पर स्टॉक लिमिट में राहत देने का फैसला किया है. थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक लिमिट अब 500 मीट्रिक टन कर दी गई है. पहले यह लिमिट 200 मीट्रिक टन थी. रिटेलर्स के लिए 5 मीट्रिक टन की लिमिट बरकरार रहेगी. वहीं, दाल मिलों के लिए यह लिमिट बीते 6 महीने का प्रोडक्शन या सालाना क्षमता का 50 फीसदी, जो भी अधिक हो, कर दिया गया है. इम्पोर्टर्स को स्टॉक लिमिट से छूट दे दी गई है.
खरीफ में तुअर और उड़द की बुवाई को देखते हुए मिलर्स को स्टॉक लिमिट में राहत का असर किसानों के बुवाई सेंटीमेंट पर दिखाई देगा. स्टॉक लिमिट का संशोधित आदेश तुअर, उड़द, चना और मसूर पर 31 अक्टूबर 2021 तक लागू रहेगा. हालांकि, अगर स्टॉक निर्धारित सीमा से ज्यादा है, तो उन्हें कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट के ऑनलाइन पोर्टल पर इसकी जानकारी देनी होगी. इस आदेश के नोटिफिकेशन के 30 दिनों के अंदर स्टॉक को तय सीमा में करने की छूट है.
2 जुलाई को लगाई थी स्टॉक लिमिट
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केंद्र सरकार ने दालों जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर काबू पाने के लिए 2 जुलाई 2021 को स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया था. सरकार ने मूंग को छोड़कर सभी दालों पर 31 अक्टूबर तक स्टॉक लिमिट लगा दी थी. स्टॉक लिमिट लगाने का मतलब यह है कि थोक या खुदरा कारोबारी, मिलर्स और इम्पोटर्स किसी भी दाल या दलहन का सरकार की तरफ से तय लिमिट से ज्यादा का स्टॉक नहीं रख सकते हैं.
2 जुलाई को सरकार ने रिटेल कारोबारियों के लिए 5 टन स्टॉक, थोक कारोबारियों और इम्पोटर्स के लिए 200-200 टन की स्टॉक लिमिट लगाई गई थी. जिसमें किसी एक वैरायटी का स्टॉक 100 टन से ज्यादा नहीं किया जा सकता था. दाल मिलों के लिए कुल सालाना क्षमता का 25 फीसदी से ज्यादा का स्टॉक नहीं रखने का आदेश था.
06:32 PM IST