Liabilities of central government: सरकार की कुल देनदारियों में इजाफा, 133.22 लाख करोड़ हुई, जानें कितनी बढ़ी
Liabilities of central government: वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च, 2022 के आखिर में पब्लिक लोन, कुल बकाया देनदारियों का 92.28 प्रतिशत था.
मार्च तिमाही के आखिर में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 37.75 प्रतिशत थी.
मार्च तिमाही के आखिर में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 37.75 प्रतिशत थी.
Liabilities of central government: सरकार की कुल देनदारियां जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में 3.74 प्रतिशत बढ़कर 133.22 लाख करोड़ रुपये हो गईं. यह इससे पिछली दिसंबर, 2021 की तिमाही में 128.41 लाख करोड़ रुपये थीं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, पब्लिक लोन मैनेजमेंट पर ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वास्तविक संदर्भ में ‘सार्वजनिक खाते’ के तहत देनदारियों समेत सरकार की कुल देनदारियां 31 मार्च, 2022 के अंत में बढ़कर 1,33,22,727 करोड़ रुपये हो गईं. एक साल पहले कुल देनदारियां 1,28,41,996 करोड़ रुपये थीं
पब्लिक लोन था ज्यादा
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च, 2022 के आखिर में पब्लिक लोन, कुल बकाया देनदारियों का 92.28 प्रतिशत था. दिसंबर, 2021 के आखिर में यह अनुपात 91.60 प्रतिशत था. इसके साथ ही डेटेड सिक्योरिटीज के प्राइमरी इश्यू पर वेटेड औसत रिटर्न खत्म वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.33 प्रतिशत से बढ़कर चौथी तिमाही में 6.66 प्रतिशत हो गया. डेटेड सिक्योरिटीज को जारी करने की वेटेड एवरेज मेच्योरिटी (भारित औसत परिपक्वता) भी वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में बढ़कर 17.56 वर्ष हो गई जबकि तीसरी तिमाही में यह अवधि 16.88 वर्ष थी.
सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल हुआ प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के आखिर में एरियर ऑफ डेटेड सिक्योरिटीज (Total liabilities of the government) स्टॉक की वेटेड एवरेज मेच्योरिटी 11.69 वर्ष थी, जबकि चौथी तिमाही के आखिर में यह 11.71 वर्ष हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतें भी ऊंचे स्तर पर रहीं कच्चे तेल की कीमतों के उच्चस्तर ने घरेलू बाजार में 10-साल के सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल को प्रभावित किया.
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मार्च तिमाही के आखिर में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी
सरकार की प्रतिभूतियों के स्वामित्व (Total liabilities of the government) के संदर्भ में कहा गया है कि मार्च तिमाही के आखिर में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 37.75 प्रतिशत थी, जो दिसंबर, 2021 के आखिर में 35.40 प्रतिशत थी. मार्च के आखिर में बीमा कंपनियों और भविष्य निधि की हिस्सेदारी क्रमश: 25.89 प्रतिशत और 4.60 प्रतिशत थी. वहीं म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 2.91 प्रतिशत थी जबकि आरबीआई की हिस्सेदारी 16.62 प्रतिशत रही.
10:07 PM IST