कैसे बनेगी आत्मनिर्भर भारत की भव्य इमारत- पढ़िए PM मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
देश को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को 4 महीने से ज्यादा समय बीत गया. इ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यस्था में उछाल लाने के लिए 5 पिलर्स का जिक्र किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यस्था में उछाल लाने के लिए 5 पिलर्स का जिक्र किया.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 4 का इशारा दे दिया है. साथ ही देश की इकोनॉमी को चलाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के बड़े आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया है. देश को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को 4 महीने से ज्यादा समय बीत गया. इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दुखद मृत्यु हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यस्था में उछाल लाने के लिए 5 पिलर्स का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पांच पिलर्स पर खड़ी होगी.
1. पहला पिलर- Economy, एक ऐसी इकोनॉमी जो इंक्रीमेंटल चेंज नहीं बल्कि क्वॉन्टम जंप लाए.
2. दूसरा पिलर- Infrastructure, एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने.
3. तीसरा पिलर- System, मतलब हमारी व्यवस्था. एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी ड्रिवन व्यवस्थाओं पर आधारित हो.
4. चौथा पिलर- आबादी ( Demography) दुनिया की सबसे बड़ी आबादी लोकतंत्र में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी ताकत है. आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है.
5.पांचवां पिलर- Demand, हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.
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पीएम मोदी के भाषण की दूसरी बड़ी बातें
1- पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना संकट शुरु हुआ तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं.
2- एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है. जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है. लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है. सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है.
3- भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता. भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है. भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है. भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है.
4- यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है. हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं और आज तो चाह भी है, राह भी है.
5- ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना. आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे, अपनी क्वॉलिटी और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे.
08:46 PM IST