TCS, Infosys, Wipro, टैक महिंद्रा, HCL में होगी बड़ी छंटनी! 30 लाख लोगों की जाएगी नौकरी: रिपोर्ट
IT Sector Layoffs: इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी यानि आईटी सेक्टर में काम करने वालों के लिए बड़ी खबर है. टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ते ऑटोमेशन से आने वाले दिनों में बड़ी छंटनी की आशंका जताई गई है.
छंटनी से कंपनियों को सालाना 100 बिलियन डॉलर की बचत होगी. (Zeebiz)
छंटनी से कंपनियों को सालाना 100 बिलियन डॉलर की बचत होगी. (Zeebiz)
IT Sector Layoffs: इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी यानि आईटी सेक्टर में काम करने वालों के लिए बड़ी खबर है. टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ते ऑटोमेशन से आने वाले दिनों में बड़ी छंटनी की आशंका जताई गई है. 30 लाख से ज्यादा लोगों पर नौकरी जाने की खतरा मंडरा रहा है. बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि घरेलू सॉफ्टवेयर कंपनियां (Big IT gaints) 2022 तक 30 लाख कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं. इस छंटनी से कंपनियों को सालाना 100 बिलियन डॉलर की बचत होगी.
घरेलू IT कंपनियों के कर्मचारियों पर गिरेगी गाज!
Nasscom के मुताबिक, मौजूदा वक्त में घरेलू आईटी क्षेत्र (IT Sector) में लगभग 1.6 करोड़ लोग काम करते हैं. इसमें लगभग 90 लाख लोग लो-स्किल्ड और BPO में काम करते हैं. इन 90 लाख लो-स्किल्ड और BPO में से कंपनियां 2022 तक 30 परसेंट या करीब 30 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा सकता है. दरअसल, ऐसा रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन (Robot process Automation) या RPA की वजह से होगा.
क्या है RPA?
RPA रोबोट नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर का एक ऐप्लिकेशन है, जो नियमित और ज्यादा मेहनत वाले काम करता है. इससे कर्मचारियों को ज्यादा अलग कामों पर ध्यान देने में मदद मिलती है. यह साधारण सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन जैसा नहीं है, क्योंकि यह कर्मचारियों के काम करने के तरीके की नकल करता है. यह समय की बचत करता है, लागत में कमी करता है.
TRENDING NOW
BofA की रिपोर्ट में आखिर है क्या?
बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) की रिपोर्ट के मुताबिक, TCS, Infosys, Wipro, HCL, Tech Mahindra और Cognizant जैसी कंपनियां और कई दूसरी कंपनियां भी RPA अप-स्किलिंग की वजह से 2022 तक लो-स्किल्ड 30 लाख लोगों को बाहर का रास्ता दिखा सकती हैं. इसके लिए प्लानिंग बनाई जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-आधारित संसाधनों पर सालाना 25,000 डॉलर और अमेरिकी रिसोर्सेज पर सालाना 50,000 डॉलर का खर्च आता है. छंटनी के बाद सैलरी और कॉर्पोरेट से जुड़े खर्चों पर कंपनियों को करीब 100 बिलियन डॉलर की बचत कराएगा.
अमेरिका में भी दिखेगा ऑटोमेशन का असर
रिपोर्ट की मानें तो घरेलू कंपनियों में काम कर रहे 7 लाख लोग अकेले RPA से ही रिप्लेस हो जाएंगे. दूसरे लोग टेक्नोलॉजी अपग्रेड और अपस्किलिंग की वजह से बाहर किए जा सकते हैं. RPA का सबसे बुरा असर अमेरिका में होगा, Bank of America की रिपोर्ट के मुताबिक यहां 10 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.
भारत, चीन में पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
स्किल डिसरप्शन का सबसे ज्यादा असर भारत और चीन पर पड़ेगा. जबकि ASEAN, फारस की खाड़ी और जापान कम से कम जोखिम में हैं. शायद सबसे चिंताजनक ट्रेंड ये है कि उभरते बाजार की नौकरियों में ऑटोमेशन का सबसे ज्यादा जोखिम होता है क्योंकि मैन्यूफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों की निम्न/मध्य-कुशल प्रकृति, समय से पहले डी-इंडस्ट्रियलाइजेशन के खतरों को उजागर करती है. भारत ने अपना मैन्यूफैक्चरिंग शिखर 2002 में देखा, जबकि यह 1970 में जर्मनी में, 1990 में मैक्सिको में हुआ.
02:41 PM IST