सस्ते होंगे मकान! घर खरीदारों को इनकम टैक्स में बड़ी राहत, जानिए क्या होगा फायदा
आवासीय रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए स्टाम्प शुल्क सर्किल दर मूल्य से 20 प्रतिशत कम पर यह बिक्री हो सकेगी वर्तमान में यह अंतर 10 प्रतिशत तक रखने की ही अनुमति है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस मामले में कुछ रियायत की घोषणा की है. (PTI)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस मामले में कुछ रियायत की घोषणा की है. (PTI)
जमीन जायदाद के विकास से जुड़े उद्योग ने गुरुवार को सरकार के रीयल्टी क्षेत्र को आयकर राहत दिए जाने के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे नकदी संकट का सामना कर रही कंपनियां बिना बिके मकानों को निकालने के लिए कीमतें कम कर सकती हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पूरे उद्योग में मकान के दाम कम होने की संभावना कम है. क्योंकि, कंपनियां पहले से बहुत कम लाभ पर काम कर रही हैं.
वित्त मंत्री ने दी रियायत (Finance minister gift for Home buyers)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस मामले में कुछ रियायत की घोषणा की है. सरकार ने आयकर नियमों में ढील देते हुए 2 करोड़ रुपये मूल्य तक की आवासीय इकाइयों की प्राथमिक अथवा पहली बार बिक्री सर्कल दर से 20 प्रतिशत तक कम दाम पर करने की अनुमति दी है. आवासीय रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए स्टाम्प शुल्क सर्किल दर मूल्य से 20 प्रतिशत कम पर यह बिक्री हो सकेगी वर्तमान में यह अंतर 10 प्रतिशत तक रखने की ही अनुमति है.
बिना बिके मकान को बेचने में मदद (Home buying tips)
सरकार द्वारा दी गई नई छूट जून 2021 तक लागू रहेगी. इसका मकसद बिल्डरों को बिना बिके मकानों को निकालने में मदद करना है. ऐसे खाली पड़े मकानों की संख्या 7-8 शहरों में करीब सात लाख है. रीयल एस्टेट कंपनियों के संघों के परिसंघ क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे शाह ने पीटीआई-भाषा से कहा, हमें नहीं लगता कि कुल मिलाकर इससे मकानों के दाम कम होंगे. कीमतें पहले से कम है और मार्जिन भी कम है. लेकिन जो कंपनियां नकदी समस्याओं का सामना कर रही हैं, वे आयकर राहत मिलने से कीमतें कम कर खाली पड़े मकानों को निकाल सकती हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण कुछ क्षेत्रों में कीमतें सर्किल रेट से पहले ही नीचे जा चुकी है.
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कम होंगे घरों के दाम (Sasta Ghar kahan milega)
रियल्टी उद्यमियों के संगठन क्रेडाई और नारेडको ने इससे पहले कहा था कि मौजूदा आयकर नियमों के कारण बिल्डर अपने फ्लैटों के दाम कम नहीं कर पा रहे हैं. कई केन्द्रीय मंत्रियों ने बिल्डरों को बिक्री बढ़ाने के लिये दाम घटाने की सलाह दी थी. बहरहाल, नारेडको और एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने सरकार के राहत उपायों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सर्कल दर और मकान के बिक्री समझौते मूल्य के बीच यदि 10 प्रतिशत से अधिक का आंतर होता है तो ऐसे मामलों में आयकर कानून की धारा 43सीए के तहत कर जुर्माना लगाने का प्रावधान है. ऐसे में यदि बिल्डर अपने बिना बिके फ्लैट कम दाम पर निकालना चाहते हैं तो उन्हें परेशानी होती थी.
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कंपनियों और घर खरीदारों के लिए अच्छा मौका
नारेडको जैसे रीयल एस्टेट उद्योग ने इस समस्या को सरकार के समक्ष उठाया और वित्त मंत्री जी ने कुछ समय के लिये इस अंतर को 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है. यह स्वागतयोग्य कदम है. रीयल एस्टेट से जुड़ी सेवा देने वाली कंपनी सीबीआरई के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमन मैगजीन ने कहा, आयकर राहत से कंपनियां और मकान खरीदार लेन-देन के लिये प्रोत्साहित होंगे.
पहली बार मकान खरीदने वाले इससे आकर्षित होंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिये 18,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय का भी स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, सर्कल रेट और सौदा मूल्य के बीच अंतर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करना अच्छा कदम है. इससे कंपनियों और मकान खरीदारों को लाभ होगा.
09:39 AM IST