हर दिन 1450 करोड़ रुपये का ब्याज चुका रही है केंद्र सरकार, जानिए कैसी है देश की आर्थिक स्थिति?
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, हालांकि भारत सरकार की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा आज भी सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने में चला जाता है.
भारत अपनी आय का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने पर खर्च कर देता है (फोटो- Pixabay)
भारत अपनी आय का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने पर खर्च कर देता है (फोटो- Pixabay)
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, हालांकि भारत सरकार की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा आज भी सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने में चला जाता है. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार कर्ज पर ब्याज चुकाने के लिए औसतन प्रतिदिन 1450 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इसी तरह सब्सिडी देने पर सरकार प्रतिदिन औसतन 600 करोड़ रुपये खर्च करती है.
सरकार का बहीखाता
वित्त मंत्रालय द्वारा भारत सरकार के नवंबर तक के बहीखातों की जानकारी दी है. इसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सरकार के कुल राजकोषीय खर्च में ब्याज भुगतान की हिस्सेदारी 3,48,233 करोड़ रुपये रही. इस दौरान सब्सिडी पर 2,19,046 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इस तरह सरकार ने हर दिन ब्याज चुकाने पर 1450 करोड़ रुपये खर्च किए. इन आंकड़ों से पता चलता है कि सरकारों द्वारा लिए गए कर्ज की कीमत आखिरकार जनता को ही उठानी पड़ती है.
Out of the total Revenue Expenditure, Rs. 3,48,233 crore is on account of Interest Payments and Rs. 2,19,046 crore is on account of Major Subsidies.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) December 27, 2018
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आमदनी कम, खर्च अधिक
वित्त मंत्रालय ने बताया है कि नवंबर 2018 तक सरकार को कुल 8,96,583 करोड़ रुपये मिले हैं. इसमें टैक्स के रूप में 7,31,669 करोड़ रुपये और गैर-कर आय के रूप में 1,38,637 करोड़ रुपये शामिल हैं. इस दौरान सरकार को विनिवेश से 15,810 करोड़ रुपये मिले, जो तय लक्ष्य के मुकाबले काफी कम है. इस दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों को 4,31,963 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं.
जहां तक खर्च की बात है तो सरकार नवंबर 2018 तक 16,13,208 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, इसमें से राजस्व खाते में 14,21,778 करोड़ रुपये खर्च किए गए और पूंजी खाते में 1,91,430 रुपये खर्च किए हैं. इस तरह आशंका जताई जा रही है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा बजट अनुमानों के मुकाबले थोड़ा अधिक हो सकता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चुनावी साल में सरकार के ऊपर करों में कटौती करने और खर्च को बढ़ाने का दबाव रहता है.
10:40 AM IST