देश में प्रत्यक्ष कर संग्रह में औसतन 15-20 फीसदी का इजाफा, जानें अब कितने हुए करदाता
जीएसटी लागू होने के पहले साल में ही अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में 74 फीसदी का इजाफा हुआ है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि विगत वर्षों में प्रत्यक्ष कर संग्रह में औसतन 15-20 फीसदी का इजाफा हुआ है. वित्तमंत्री ने कहा कि देश में बहुतायत में लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी को अपनाने से अर्थव्यवस्था पहले से अधिक औपचारिक बन गई है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एकाउंटेंट जनरल कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यहां कहा कि काले धन के विरुद्ध उठाए गए कदमों और लेन-देन की निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने से सरकार को संसाधन बढ़ाने में मदद मिली है.
जेटली ने कहा, "कर संग्रह में हर साल उत्तरोत्तर 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है." उन्होंने कहा, "चार साल पहले तक जहां करीब 3.8 करोड़ करदाता थे वहां पिछले साल करदाताओं की संख्या बढ़कर छह करोड़ से ज्यादा हो गई. हमें उम्मीद है कि हमारे पांच साल के कार्यकाल में करदाताओं की तादाद 7.3-7.5 करोड़ हो जाएगी."
वित्तमंत्री ने कहा, "इसके अलावा, कालाधन के खिलाफ उठाए गए कदमों, लेन-देन का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और विमुद्रीकरण जिसने बैंकों में धन जमा करने को अनिवार्य बनाया, इस सब से इस प्रक्रिया में लाभ मिला है." उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की गति में तेजी आई है.
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उन्होंने कहा, "जीएसटी लागू होने के पहले साल में ही अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में 74 फीसदी का इजाफा हुआ है." बजट में वित्त वर्ष 2019 के दौरान व्यक्तिगत आयकर 19.2 प्रतिशत बढ़कर 5,290 अरब रुपये होने का अनुमान लगाया गया है, जो एक साल पहले 4,412.55 अरब रुपये था. प्रत्यक्ष कर की कम प्राप्तियां एक प्रमुख वजह है, जिससे सरकार का राजस्व घाटा अनुमान से ऊपर जा रहा है और यह पहले 4 महीने में 6.3 प्रतिशत रहा है.
कर विभाग ने चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में 750 अरब रुपये रिफंड किया है, जबकि वित्त वर्ष 18 में इसका आधा रिफंड किया गया था. वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में कॉर्पोरेट के परिणाम बेहतर रहे हैं.
महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जुलाई के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में 6.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि बजट में 2018-19 में 14.4 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है. यह वृद्धि पहले 3 महीने के दौरान तीन साल से हो रही वृद्धि की ही तरह है.
(इनपुट एजेंसी से)
08:58 AM IST