क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल से आया नीचे, खुदरा तेल कंपनियों पर मार्जिन दबाव घटा
ब्रेंट क्रूड मंगलवार को सात प्रतिशत नीचे आ गया. इससे पहले, 28 फरवरी को यह 100 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था और 7 मार्च को 14 साल के उच्चस्तर 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया.
मार्केटिंग मार्जिन पर विचार किए बिना पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 12-13 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था. (रॉयटर्स)
मार्केटिंग मार्जिन पर विचार किए बिना पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 12-13 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था. (रॉयटर्स)
क्रूड ऑयल (Crude oil) की कीमत को लेकर राहत की खबर है. लगातार दो सप्ताह तक 100 डॉलर बैरल से ऊपर रहने के बाद इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम (Crude oil price today) मंगलवार को नरम होकर 99.84 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इससे खुदरा तेल कंपनियों पर मार्जिन दबाव (Margin pressure on retail oil companies) कम हुआ है. कंपनियों ने कच्चे माल की लागत बढ़ने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं. ब्रेंट क्रूड मंगलवार को सात प्रतिशत नीचे आ गया. इससे पहले, 28 फरवरी को यह 100 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था और 7 मार्च को 14 साल के उच्चस्तर 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया.
भारत का आयात बिल कम होगा
खबर के मुताबिक, बाजार पर चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का असर हुआ है. चीन कच्चे तेल (Crude oil) का दुनिया का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है, ऐसे में मांग पर उल्टा असर हो सकता है. इसके अलावा यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध विराम को लेकर बातचीत में डेवलपमेंट के भी संकेत हैं. भारत के लिए कच्चे तेल के दाम में कमी अच्छी खबर है क्योंकि इससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश का आयात बिल कम होगा. उद्योग सूत्रों के मुताबिक, इससे सार्वजनिक क्षेत्र की खुदरा तेल कंपनियों पर दबाव भी कम होगा.
131 दिनों तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं
सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने रिकॉर्ड 131 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. कच्चे माल (Crude oil) की लागत में 60 प्रतिशत से अधिक के उछाल के बावजूद कीमतें जस-की-तस हैं.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
पेट्रोलियम कंपनियों के लिये अच्छा संकेत
ऐसी आशंका थी कि कंपनियां उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के पिछले सप्ताह पूरा होने के बाद ईंधन के दाम बढ़ा सकती हैं. लेकिन उन्होंने दाम को बरकरार रखा और विपक्षी दलों को सोमवार से शुरू संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार को घेरने का मौका नहीं दिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कच्चे तेल के दाम में कमी निश्चित रूप से पेट्रोलियम कंपनियों के लिये अच्छा संकेत है, उन्हें मार्केटिंग मार्जिन पर विचार किए बिना पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 12-13 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल का दाम जब 81 डॉलर प्रति बैरल था तब से यानी 4 नवंबर से कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए हैं.
10:26 PM IST