E-Commerce कंपनियों के खिलाफ आज से 40 दिनों का देशव्यापी आंदोलन
CAIT का आरोप है कि ई-कॉमर्स कंपनियां मनमानी करने के साथ ही FDI पॉलिसी का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं.
E-Commerce कंपनियों के खिलाफ देशभर के व्यापारी लामबंद होने लगे हैं. व्यापारियों ने अमेजन समेत तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों का लगातार 40 दिनों तक विरोध करने का फैसला किया है.
देशभर के कारोबारियों के सबसे बड़े संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध करने का ऐलान किया है. कैट का आरोप है कि ई-कॉमर्स कंपनियां मनमानी करने के साथ ही प्रत्यक्ष विदेश निवेश यानी एफडीआई (FDI) पॉलिसी का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं.
CAIT के बैनर तले व्यापारियों ने ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ देशभर में 20 नवंबर से 31 दिसंबर तक 40 दिन के आंदोलन का ऐलान किया है.
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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा की इस आंदोलन का उद्देश्य उन ई कॉमर्स कंपनियों को बेनकाब करना है जो सरकार की नीतियों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, देश के रिटेल व्यापार पर कब्ज़ा करने के मंसूबे पाले हुए हैं.
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कैट की डिमांड
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि आंदोलन के दौरान उनकी कुछ मांगे हैं, जैसे केंद्र सरकार ई-कॉमर्स पालिसी की तुरंत घोषणा करे, ई-कॉमर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन करे, एफडीआई पॉलिसी के प्रेस नोट 2 की खामियों को दूर कर एक नया प्रेस नोट जारी करे और केंद्र सरकार के साथ ही सभी राज्य सरकार इन कंपनियों को अपने राज्य में माल बेचे जाने से रोकें.
कैट के आरोप
राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अनेक बैंक भी ई-कॉमर्स कंपनियों (E commerce Company) के पोर्टल पर खरीद करने पर कई तरह के कैश बैक और डिस्काउंट देकर इन कंपनियों के साथ अनैतिक गठबंधन में शरीक हैं. यही नहीं बड़ी मात्रा में देश का डाटा इन कंपनियों को लीक किया जा रहा है.
आर्थिक आतंकवादी
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ई-कॉमर्स कंपनियों पर हमला करते हुए उन्हें आर्थिक आतंकवादी भी कहा. उनका कहना है कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, ज्यादा डिस्काउंट देना, सामान की इन्वेंट्री पर अपना कंट्रोल रखना, बड़े ब्रांड वाली कंपनियों से साठ-गांठ कर उनके प्रोडक्ट केवल अपने पोर्टलों पर ही बेचने जैसी व्यापारिक तिकड़म से छोटे व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह तबाह कर दिया है.
08:00 AM IST