बजट 2019: होम लोन के मूलधन के भुगतान पर अलग से मिले टैक्स छूट, रियल एस्टेट को मिले उद्योग का दर्जा
Budget 2019: रियल एस्टेट कंसल्टेंसी सर्विस देने वाली कंपनियों ने बजट में इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने तथा होम लोन पर सालाना डेढ़ लाख रुपये तक के मूलधन के भुगतान पर आयकर में अलग से कटौती का प्रावधान करने की सिफारिश की है.
बजट 2019: होम लोन के मूलधन के भुगतान पर अलग से मिले टैक्स छूट (फोटो: reuters)
बजट 2019: होम लोन के मूलधन के भुगतान पर अलग से मिले टैक्स छूट (फोटो: reuters)
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी सर्विस देने वाली कंपनियों ने बजट में इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने, मकानों पर जीएसटी का बोझ कम किए जाने तथा होम लोन पर सालाना डेढ़ लाख रुपये तक के मूलधन के भुगतान पर आयकर में अलग से कटौती का प्रावधान करने की सिफारिश की है. रियल एस्टेट क्षेत्र की सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक ने आयकर कानून की धारा 80सी के तहत होम लोन के मूलधन की वापसी पर अलग से डेढ़ लाख रुपये तक की कर छूट दिए जाने की मांग की है. उसका कहना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार को होम लोन की मूल राशि के डेढ़ लाख रुपये तक के सालाना भुगतान पर अलग से कर छूट देनी चाहिए. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी.
GST को लेकर ये हैं सिफारिशें
नाइट फ्रैंक ने बजट पूर्व सिफारिशों में मकानों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में जमीन की कीमत के लिए एबेटमेंट की दर एक तिहाई से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है. एबेटमेंट के तहत घटे मूल्य पर कर लगाया जाता है. नाइट फ्रेंक की बजट पूर्व सिफारिश में कहा गया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग कर आउटलुक अब भी काफी दबाव में है तथा गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) संकट से स्थिति और जटिल हुई है.
सस्ते घरों पर भी मिले ये सुविधा
कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल की सिफारिश है कि सरकार को ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ योजना के तहत सस्ते घरों पर भी जीएसटी में जमीन के मूल्य पर 50 प्रतिशत तक एबेटमेंट देना चाहिए. वर्तमान में इस वर्ग के मकानों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है और एक तिहाई जमीन मूल्य पर छूट से प्रभावी दर 8 प्रतिशत रह जाती है. यदि जमीन मूल्य पर 50 प्रतिशत एबेटमेंट मिलेगा तो जीएसटी की प्रभावी दर 6 प्रतिशत रह जाएगी और मकान का दाम और कम होगा.
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स्टांप ड्यूटी को भी GST के दायरे में लाया जाए, ब्याज कटौती की सीमा बढ़ाई जाए
कंसल्टेंसी रियलिस्टिक रीयल्टर्स ने रियल एस्टेट क्षेत्र में जीएसटी की दर में सुधार करते हुए इसे 12 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने की सिफारिश की है. रियलिस्टिक रीयल्टर्स के चेयरमैन हरिंदर सिंह ने सुझाव दिया है कि स्टांप ड्यूटी को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए ब्याज कटौती की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये या उससे अधिक किया जाए. रियलिस्टिक रीयल्टर्स की सिफारिश है कि किराए से होने वाली आय में संपत्ति की निर्माण लागत पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया जाए.
08:12 PM IST