बजट 2019 : Renewable energy सेक्टर को मिल सकता है बूस्ट, फंड बढ़ा सकती है सरकार
मोदी सरकार सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे विकल्पों के प्रति लोगों को जागरुक करने और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए इस मद में रखे जाने वाले फंड में इजाफा करने जा रही है.
सरकार ने भी 2022 तक 1,75,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य तय किया है.
सरकार ने भी 2022 तक 1,75,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य तय किया है.
पेट्रोलियम ईंधन के बढ़ते दाम और कोयले के कम होते भंडार को देखते हुए ऊर्जा के क्षेत्र में नित नए प्रयोग हो रहे हैं. और इस कड़ी में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार ने अक्षय ऊर्जा के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की तमाम योजनाएं शुरू की हैं. सरकार ने भी 2022 तक 1,75,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य तय किया है. हालांकि इस लक्ष्य को पाना अभी संभव नहीं लग रहा है. 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए इसके फंड में इजाफा कर सकती है.
बता दें कि शोध संस्थान सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को पाने में असमर्थता जाहिर की है. सीएसई ने साफ कहा है कि भारत 2022 तक 1.75 लाख मेगावाट के सौर ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता है. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) ने कहा है कि आईएसए एक नए बैंक का प्रस्ताव करेगा जो लोगों तक इस अक्षय ऊर्जा पहुंचाने के लिए आर्थिक मदद करेगा.
जानकारी के मुताबिक, सरकार सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे विकल्पों के प्रति लोगों को जागरुक करने और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए इस मद में रखे जाने वाले फंड में इजाफा करने जा रही है.
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बजट में इसके लिए जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव्स के लिए फंड बढ़ाई जा सकती है. सोलर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए फंड को बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट्स के बड़े ऐलान किए जा सकते हैं. जनरेशन बेस्ड इंसेंटिव्स के लिए करीब 5,000 करोड़ के फंड की घोषणा की जा सकती है. इस तरह रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स के लिए फण्ड में 30-35 फीसदी तक की बढ़ोतरी संभव है.
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी ने फण्ड बढ़ाने की सिफारिश की है. सरकार की इस कोशिश से IREDA, SECI जैसी सरकारी कंपनियों को भी बढ़ावा मिलेगा.
कुसुम योजना
बता दें कि मोदी सरकार ने पिछले बजट में बिजली संकट से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों के लिए किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना का ऐलान किया था. इस योजना के तहत सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले डीजल और बिजली पंपों को सौर ऊर्जा पंप में बदला जाएगा. कुसुम योजना से किसान को अपने खेत में सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी. सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का इस्तेमाल खेती के लिए कर सकते हैं. सरकार ने कुसुम योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था.
04:31 PM IST