बजट 2019 : किसानों का रखा जाएगा खास ध्यान, फसली ऋण पर ब्याज से मिल सकती है मुक्ति
सरकार किसानों को राहत देने के लिए फसली ऋण की ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. उम्मीद है कि समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों के लिए फसली ऋण पर ब्याज राशि खत्म ही हो जाए.
अंतरिम बजट में सबसे ज्यादा उम्मीदें कृषि क्षेत्र से हैं, क्योंकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार के पीछे किसानों की ही नाराजगी बताई जा रही थी.
अंतरिम बजट में सबसे ज्यादा उम्मीदें कृषि क्षेत्र से हैं, क्योंकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार के पीछे किसानों की ही नाराजगी बताई जा रही थी.
केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 के बजट की तैयारी शुरू कर दी है. चूंकि यह चुनावी वर्ष है, इसलिए सरकार इस साल अंतरिम बजट पेश करेगी. अंतरिम बजट 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा. लोकसभा चुनावों से पहले यह वर्तमान सरकार का अंतिम बजट होगा. अंतरिम बजट को लेखानुदान भी कहा जाता है. यह चुनावी वर्ष है इसलिए सभी की निगाहें बजट पर लगी हुई हैं. क्योंकि बजट ही चुनावों में सरकार की स्थिति को लेकर बड़ा फैसला करेगा.
अंतरिम बजट में सबसे ज्यादा उम्मीदें कृषि क्षेत्र से हैं, क्योंकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार के पीछे किसानों की ही नाराजगी बताई जा रही थी. इसलिए किसानों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार किसानों को लुभाने के लिए बजट में जरूर ही कुछ आकर्षक योजनाएं पेश करेगी.
बजट को लेकर कृषि क्षेत्र के कुछ विशेषज्ञों से बात की. किसानों के हित के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे तथा भारतीय कृषक समाज के अध्यक्ष डॉ. कृष्णबीर चौधरी को सरकार के इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं. उनका कहना है कि देश की जनता का पेट भरने वाले किसान आज उपेक्षाओं का शिकार है. अन्नदाता आज खुद ही भूखो मरने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि किसान किसी भी देश और वहां की सरकार को चलाने में अहम भूमिका अदा करता है, इसलिए बजट में खेती और किसानों का हित सर्वोपरी होना चाहिए.
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ब्याज दर में मिल सकती है छूट
डॉ. चौधरी ने बजट को लेकर बताया, 'सरकार किसानों को राहत देने के लिए फसली ऋण की ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. उम्मीद है कि समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों के लिए फसली ऋण पर ब्याज राशि खत्म ही हो जाए. और यह किसानों के लिए बड़ी राहत हो सकती है.'
लघु और सीमांत किसानों को मिलेगी राहत
ब्याज दरों में राहत के अलावा अन्य कदम के बारे में कृष्णबीर चौधरी कहते हैं, फसली ऋण पर राहत देने का इशारा कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किया था. इसलिए इस बात की पक्की उम्मीद है कि किसानों को कर्ज पर ब्याज से मुक्ति मिल सकती है. इसके अलावा सरकार लघु और सीमांत किसानों को 4 या 5 हजार रुपये प्रति एकड़/ प्रति वर्ष की मदद करने की घोषणा कर सकती है. इस मदद को रबी और खरीफ फसलों के उत्पादन में सहयोग राशि के तौर पर दिया जा सकता है.
तेलंगाना मॉडल की समीक्षा
डॉ. चौधरी ने बताया कि सरकार किसानों को मदद देने के लिए विभिन्न राज्यों ने शुरू की तमाम योजनाओं की समीक्षा कर रही है और उनके निचोड़ से जो भी बेहतर योजना तैयार होगी, उसे लागू करने की प्लानिंग है. उन्होंने बताया कि तेलंगाना में केसीआर सरकार ने किसानों के लिए ऋतु बंधु योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत राज्य के सभी किसानों को सहायता के रूप में प्रति वर्ष 4,000 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान किया जा रहा है.
डॉ. चौधरी बताते हैं, 'तेलंगाना में ऋतु बंधु योजना इतनी कामयाब हुई कि के. चंद्रशेखर राव इसी की बदौलत समय से पहले चुनाव कराकर फिर से सरकार बनाने में सफल हुए. अब तेलंगाना का अनुसरण ओडिशा सरकार कर रही है और वहां 'जीविकोपार्जन एवं आय वृद्धि के लिए कृषक सहायता' यानी Krushak Assistance for Livelihood and Income Augmentation (KALIA) को योजना लाने की तैयारी की जा रही है. इस योजना के तहत छोटे किसानों को रबी और खरीफ में बोआई के लिए प्रति सीजन 5-5 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.'
ऋण माफी के नाम पर किसानों से धोखा
कृष्णबीर चौधरी कहते हैं कि राज्य सरकारों बड़े पैमाने पर किसानों के कर्ज माफी की घोषणाएं कर रही हैं और इसी के बल पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई है. लेकिन असल में ऋण माफी किसानों के साथ धोखा है. अब यहां की सरकारें कह रही हैं कि वे किसानों को फसली ऋण को माफ करेंगी, जबकि 95 फीसदी किसान फसली ऋण को चुका चुके हैं.
उन्होंने कहा कि पंजाब और कर्नाटक में भी कांग्रेस किसान कर्ज माफी के नाम पर सत्ता में आई थी, लेकिन यहां अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है. कर्नाटक में तो उल्टा सरकार गन्ना किसानों को 2500 रुपये क्विंटल तक का दाम दिलाने में नाकाम रही है.
इसलिए किसान कर्ज माफी कोरा ढकोसला है. इससे किसानों का भला होने वाला नहीं है. अगर कोई सरकार सच में किसानों का हित चाहती है तो उसे उसकी उपज का सही दाम दिलाना होगा.
09:17 PM IST