Micro Irrigation: खेती से बंपर उत्पादन के लिए खाद, बीज के साथ बेहतर सिंचाई भी जरूरी है. अगर ठीक से सिंचाई (Irrigation) नहीं की गई तो फसल खराब हो सकती है. बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय और कृषि विभाग द्वारा कम पानी में खेती की नई तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है. (Image- Pixabay)
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फसलवार सिंचाई पद्धति
बिहार कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय फसलवार सिंचाई पद्धति की जानकारी दी है. इसमें बताया गया है कि किन फसलों को किस पद्धति से सिंचाई करने पर ज्यादा फायदा हो सकता है. (Image- Pixabay)
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ड्रिप से किन फसलों की करें सिंचाई
बिहार कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय की ओर से दिए गए सुझाव के मुताबिक ड्रिप तकनीक से गन्ना, अनानास, पपीता, केला, आम, लीची, अमरूद, सब्जी, अनार, लत्तीदार फसल और प्याज की सिंचाई की जा सकती है. (Image- Pixabay)
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माइक्रो स्प्रिंकलर
उद्यान निदेशालय के मुताबिक, माइक्रो स्प्रिंकलर लीची पॉली हाउस, शेडनेट हाउस इत्यादि में की जाती है. (Image- Pixabay)
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मिनी स्प्रिंकलर
चाय, आलू, प्यान, धान, गेहूं, सब्जी मिनी स्प्रिंकलर पद्धति फायदेमंद है. इसको फव्वारा सिंचाई भी कहा जाता है. (Image- Pixabay)
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पोर्टेबल स्प्रिंकलर
दलहन, तिलहन, धान और गेहूं आदि फसलों की खेती के लिए पोर्टेबल स्प्रिंकलर फायदेमंद है. (Image- Pixabay)
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