AI की मदद से खेती में आने वाली है क्रांति, जानिए कैसे फसलें होंगी बेहतर और किसानों को होगा तगड़ा मुनाफा
खेती (Agriculture) में भी एआई की मदद से बहुत कुछ किया (AI Use In Agriculture) जा सकता है और उस पर काम शुरू भी हो गया है. मौसम के पूर्वानुमान से लेकर पौधों को कब कितने खाद-पानी की जरूरत है, यह सब एआई की मदद से मुमकिन हो सकता है.
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आज के वक्त में एआई यानी आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) ने हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कर दी है. बात भले ही वीडियो की हो, फोटो की हो, कंटेंट राइटिंग की हो या किसी और फील्ड की हो, हर जगह एआई का इस्तेमाल होने लगा है. यहां तक कई क्रिमिनल भी एआई का इस्तेमाल करते हैं. खेती (Agriculture) में भी एआई की मदद से बहुत कुछ किया (AI Use In Agriculture) जा सकता है और उस पर काम शुरू भी हो गया है. मौसम के पूर्वानुमान से लेकर पौधों को कब कितने खाद-पानी की जरूरत है, यह सब एआई की मदद से मुमकिन हो सकता है. आइए जानते हैं कैसे खेती में एआई का इस्तेमाल कर के फायदा उठाया जा सकता है.
डेटा एनालिसिस
एआई का इस्तेमाल तमाम सेक्टर में डेटा एनालिसिस (Data Analysis) के लिए हो रहा है. खेती में भी एआई का इस्तेमाल कर के डेटा एनालिसिस की जा सकती है. इसके तहत मौसम, मिट्टी, पानी और तमाम तरह की टेक्नोनॉजी के असर को समझने में मदद मिलेगी. डेटा एनालिसिस के चलते किसान यह समझ सकेंगे कि उन्हें किस वक्त पर किस संसाधन का इस्तेमाल करना है और अपनी खेती के लिए कब क्या फैसला लेना है. पर्याप्त डेटा होने पर खेती के दौरान जब किसी सुधार की गुंजाइश हो, तो उसके हिसाब से सही फैसला लिया जा सकता है. इससे मौसम पूर्वानुमान को मिलेगा ही, मिट्टी की एनालिसिस, पानी का इस्तेमाल और किस तरह के बीज को चुनना है इन सबमें मदद मिलेगी. साथ ही कीटनाशक के इस्तेमाल से जुड़े फैसले भी आसानी से लिए जा सकेंगे.
मशीन लर्निंग
एआई में एक अहम चीज है मशीन लर्निंग (Machine Learning), जिससे खेती में फायदा मिल सकता है. मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म को ट्रेनिंग देकर खेती में तमाम तरह के फैसले आसानी से लिए जा सकते हैं. इन फैसलों में फसल उत्पादन, कीटनाशनक, रोग प्रबंधन और खेती से जुड़े अन्य मुद्दों पर काम किया जा सकता है. एआई का इस्तेमाल करते हुए एक्सपर्ट सिस्टम विकसित किए जा सकते हैं, जिससे सही फैसले लेने में मदद मिलेगी.
स्वतंत्र और स्वचालित इस्तेमाल
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एआई की मदद से स्वतंत्र और स्वचालित मशीनें (Independent and Automatic Machine) विकसित की जा सकती हैं. इन मशीनों की मदद से खेती के कई कामों को ऑटोमेटिक किया जा सकता है. इससे प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसमें कई तरह के सेंसर और उपकरणों की मदद भी ली जा सकती है, जिससे खेती में सिंचाई, खाद और कीटनाशक का उपयोग ऑटोमेटिक हो सकता है. एआई की मदद से अधिकतर चीजों ऑटोमेटिक हो जाएंगी तो आप खेत में समय और लेबर दोनों बचा सकते हैं, जिससे प्रोडक्शन भी बढ़ेगा और मुनाफा भी.
रोग और कीटनाशक प्रबंधन
खेती में हर किसान को सबसे ज्यादा डर रहा है रोगों या वायरस का. कई बार खेती में रोग दूसरा होता है, लेकिन उसे सही से समझ नहीं पाने की वजह से समय से उसका उपचार नहीं हो पाता है और नुकसान झेलना पड़ता है. एआई की मदद से रोग से समय से पहचानना और उसके उचित इलाज को लागू करना आसान हो जाएगा. इससे खेती की सुरक्षा बढ़ेगी और नतीजा ये होगा कि प्रोडक्शन बढ़ेगा.
10:10 AM IST