'GM सरसों की खरपतवारनाशी टॉलरेंट नेचर पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही सरकार, किसानों को अपराधी बनाने की कोशिश'
GM Mustard: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में ‘कोएलिशन ऑफ जीएम-फ्री इंडिया’ ने यह भी कहा है कि किसानों का अपराधीकरण या दंड कानूनी रूप से संभव नहीं है क्योंकि उन्हें कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत विनियमन से छूट प्राप्त है.
जीएम सरसों पर हर्बिसाइड के इस्तेमाल किसानों को अपराधी बनाने की कोशिश. (Image- Pixabay)
जीएम सरसों पर हर्बिसाइड के इस्तेमाल किसानों को अपराधी बनाने की कोशिश. (Image- Pixabay)
GM Mustard: जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों (GM) का विरोध करने वाले गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह ने कहा है कि सरकार जीएम सरसों (GM Mustard) की हर्बिसाइड-टॉलरेंट (HT) नेचर पर कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को गुमराह कर रही है और फसल पर हर्बिसाइड का उपयोग करने के लिए किसानों को ‘अपराधी’ बनाने की कोशिश कर रही है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में ‘कोएलिशन ऑफ जीएम-फ्री इंडिया’ ने यह भी कहा है कि किसानों का अपराधीकरण या दंड कानूनी रूप से संभव नहीं है क्योंकि उन्हें कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत विनियमन से छूट प्राप्त है.
कोएलिशन ऑफ जीएम-फ्री इंडिया’ ने पत्र में यह आरोप भी लगाया कि सरकार भारत में एचटी फसलों (HT crops) पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी (TEC) की स्पष्ट सिफारिश की अनदेखी कर रही है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
ये भी पढ़ें- Government Schemes: खुशखबरी! किसानों को फ्री में मिलेंगे सब्जियों के बीज, यहां करें अप्लाई
सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है केंद्र सरकार
पत्र में कहा गया, भारत सरकार भारत के सुप्रीम कोर्ट को इस आश्वासन के साथ गुमराह कर रही है कि जीएम सरसों (GM Mustard) एचटी फसल नहीं है. बार-बार यह आश्वासन देकर कि जीएम सरसों एक हर्बिसाइड-टॉलरेंट क्रॉप नहीं है, भारत सरकार भारत में एचटी फसलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त टीईसी द्वारा स्पष्ट सिफारिश को दरकिनार करने की कोशिश कर रही है.
जीएम सरसों पर हर्बिसाइड का इस्तेमाल करना अपराध
इसमें कहा गया है कि इसके बजाय सरकार जीएम सरसों (GM Mustard) पर हर्बिसाइड का इस्तेमाल करने वाले किसानों को ‘अपराधी’ बनाने की कोशिश कर रही है. हर्बिसाइड खरपतवारों का नष्ट करने या नियंत्रित करने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले रसायन हैं. चयनित हर्बिसाइड खेत में लक्षित खरपतवारों को नष्ट कर देते हैं जबकि वांछित फसल के पौधों को अपेक्षाकृत कोई नुकसान नहीं होता है. खरतपतवार वे अनावश्यक पौधे होते हैं जो फसल के साथ उगते हैं और फसलों का पोषण स्वयं ले लेते हैं. इसलिए इन्हें हटाना जरूरी होता है.
ये भी पढ़ें- Success Story: नर्सरी के बिजनेस से युवा किसान ने कमा लिया ₹10 लाख, जानिए कैसे कर सकते हैं शुरू
पत्र में कहा गया है कि अक्टूबर 2022 में जीएम सरसों (GM Mustard) के पर्यावरणीय रिलीज के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमिटी (GEAC) द्वारा जारी अनुमोदन पत्र में एक शर्त थी जो किसानों को किसी भी स्थिति में अपने खेतों में खेती के लिए हर्बिसाइड के किसी भी फॉर्मूलेशन का उपयोग करने से रोकती है. हालांकि, इसमें कहा गया है कि किसानों का अपराधीकरण या दंड कानूनी रूप से संभव नहीं है क्योंकि उन्हें कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत विनियमन से छूट प्राप्त है.
कृषि और पर्यावरण पर जीएम फसलों के प्रभावों पर बहस भारत सहित कई देशों में एक विवादास्पद मुद्दा है. जीएम फसलों (GM Crops) के समर्थकों का तर्क है कि वे खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादकता जैसे मुद्दों को हल करने में मदद कर सकते हैं. आलोचक अक्सर उनकी सुरक्षा और संभावित पर्यावरणीय प्रभावों पर चिंताओं को इंगित करते हैं.
ये भी पढ़ें- खुशखबरी! आ गई किसानों के लिए सबसे बड़ी योजना, ब्याज होगा माफ, आज से भरे जाएंगे आवेदन
जीएम एचटी सरसों के मामले में, विशिष्ट चिंता का विषय ग्लूफोसिनेट का उपयोग है. ‘ग्लूफोसिनेट’ एक खरपतवारनाशी है जिसका खरपतवार पर नियंत्रण के लिए हर्बिसाइड टॉलरेंट (HT) नेचर की फसलों पर आम तौर पर उपयोग किया जाता है. हर्बिसाइड टॉलरेंट (एचटी) नेचर की फसलों से जहां किसानों को फायदा हो सकता है वहीं पर्यावरण पर इसके इस्तेमाल से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं और खरपतवार की ऐसी किस्म के विकसित होने की आशंका होती है जिस पर खरपतवारनाशक का कोई प्रभाव न पड़े.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
02:31 PM IST