GDP: मूडीज के बाद SBI ने घटाया ग्रोथ रेट का अनुमान, 7.5% से घटाकर 6.8% किया
SBI GDP growth forecast: चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 13.5% रही. ग्रोथ रेट के उम्मीद से कम रहने का कारण मैन्युफैक्चरिंग का कमजोर प्रदर्शन है. इस सेक्टर में पहली तिमाही में केवल 4.8% की बढ़ोतरी हुई.
GDP में दहाई अंक में ग्रोथ हुई है लेकिन यह बाजार उम्मीद से कम है. (PTI)
GDP में दहाई अंक में ग्रोथ हुई है लेकिन यह बाजार उम्मीद से कम है. (PTI)
SBI GDP growth forecast: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष के लिये इकोनॉमिक ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.5% से घटाकर 6.8% कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसका कारण पहली तिमाही में जीडीपी (GDP) आंकड़ा अनुमान के मुकाबले नीचे रहना है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 13.5% रही. ग्रोथ रेट के उम्मीद से कम रहने का कारण मैन्युफैक्चरिंग का कमजोर प्रदर्शन है. इस सेक्टर में पहली तिमाही में केवल 4.8% की बढ़ोतरी हुई. हालांकि, सर्विस सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन से ग्रोथ को समर्थन मिला.
मूडीज ने घटाया GDP ग्रोथ का अनुमान
बता दें कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को साल 2022 के लिए घटा दिया है. मूडीज ने साल 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) का 7.7 फीसदी रहना की उम्मीद जताई है.
पहली तिमाही में 13.5% रही GDP ग्रोथ
एक्सपर्ट्स ने पहली तिमाही में 15 से 16.7% ग्रोथ रेट रहने की संभावना जताई थी. इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सबसे अधिक 16.7% ग्रोथ रेट का अनुमान रखा था. SBI के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 15.7% रहने की उम्मीद व्यक्त की थी. घोष ने एक रिपोर्ट में कहा कि 13.5% पर ग्रोथ रेट के साथ वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की बढ़ोतरी में तिमाही आधार पर 9.6% की कमी आई है. लेकिन मौसमी रूप से समायोजित वास्तविक जीडीपी ग्रोथ सीरीज आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत देती है. इसके तहत पहली तिमाही में 5.6% की ग्रोथ दर्ज की गयी जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में यह 4.1% और 2021-22 की चौथी तिमाही में 1.9% थी.
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उन्होंने कहा कि GDP के आंकड़े बातों को सामने लाने से ज्यादा छिपाते हैं. यह औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IPP) और सीपीआई (CPI) के माप में शामिल वस्तुओं के समूह पर गौर करने का समय है. इसकी समीक्षा पिछली बार 2012 में की गयी थी.
चालू वित्त वर्ष में 6.8% ग्रोथ का अनुमान
घोष ने कहा कि हालांकि GDP में दहाई अंक में ग्रोथ हुई है लेकिन यह बाजार उम्मीद से कम है. इसका प्रमुख कारण विनिर्माण क्षेत्र की बढ़ोतरी है जो पहली तिमाही में महज 4.8% रही. उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए पूरे वित्त वर्ष में इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 6.8% रहने का अनुमान है. घोष ने कहा कि उन्हें चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.9%, तीसरी तिमाही में 4.1% और चौथी तिमाही में 4% रहने का अनुमान है.
उन्होंने कहा, इसके आधार पर हम अब 2022-23 के लिये सालाना GDP ग्रोथ अनुमान को संशोधित कर 6.8% कर रहे हैं. यह सांख्यिकी समायोजन है. हालांकि उन्होंने कहा कि दूसरी छमाही में वृद्धि गति में तेजी आने की उम्मीद है. घोष ने पूर्व में पहली तिमाही में इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 15.7% रहने का अनुमान जताया था. उन्होंने कहा कि सबसे निराश करने वाली बात मौजूदा मूल्य पर जीडीपी ग्रोथ रेट 26.7% रहना है जो 2021-22 की पहली तिमाही में 32.4% और 2021-22 की चौथी तिमाही में 14.9% थी. वास्तविक संदर्भ में निजी अंतिम खपत व्यय में सुधार हुआ और यह 10% रहा जो महामारी-पूर्व स्तर से अधिक है.
09:53 AM IST