दुनिया की सबसे बड़ी 'रसोई' में पहुंचे पीएम मोदी, बच्चों में बांटी 300 करोड़वीं थाली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए पोषण, टीकाकरण और स्वच्छता को मिलाकर सुरक्षा कवच तैयार किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वृंदावन में अक्षय पात्र फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में बच्चों में 300 करोड़वी थाली का वितरण किया (फोटो- PMO Twitter)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वृंदावन में अक्षय पात्र फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में बच्चों में 300 करोड़वी थाली का वितरण किया (फोटो- PMO Twitter)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को मथुरा जिले के वृंदावन पहुंचे. यहां दुनिया की सबसे बड़ी रसोई अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा भोजन की तीन अरबवीं थाली परोसने के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रधानमंत्री ने बच्चों के बीच 300 करोड़वीं थाली का वितरण किया. इस फाउंडेशन द्वारा 17 लाख बच्चों को पोष्टिक भोजन देने का काम किया जा रहा है.
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेवा और समर्पण किसी सम्मान के लिए नहीं होती है, लेकिन सरकार ने बच्चों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन को गांधी शांति प्रतिष्ठान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और इसके संचालक स्वामी मधु पंडित दासा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. अक्षयपात्र को सरकारी सब्सिडी मिलती है. केंद्र सरकार अक्षय पात्र फाउंडेशन को चावल और गेहूं उपलब्ध कराती है. राज्य सरकारों और कॉरपोरेट सेक्टर से भी संस्था को आर्थिक मदद मिलती है.
बच्चों के सुरक्षा कवच
उन्होंने कहा कि अगर बच्चों का स्वास्थ्य कमजोर होगा तो देश का भविष्य मजबूत कैसे होगा. इसलिए बच्चों को पौष्टिक और संतुलित भोजन कराना ही केंद्र सरकार का प्रमुख उद्देश्य है. सरकार ने बच्चों के पौषण के लिए समग्रता के साथ काम किया है. स्वास्थ्य का सीधा संबंध हमारे खाने-पीने से हैं और पोषण के अभियान को हर माता और शिशु तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
Had the honour of serving food to children in Vrindavan today. pic.twitter.com/Fs7esScQZA
— Narendra Modi (@narendramodi) 11 फ़रवरी 2019
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
पिछले वर्ष सिंतबर के महीने को पोषण के लिए समर्पित किया गया है. पौष्टिक भोजन, टीकाकरण और स्वच्छता को मिलाकर बच्चों और माता के लिए एक सुरक्षा कवच तैयार किया गया है. मिशन इंद्रधनुष के तहत अब तक 3.40 करोड़ और 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करवाया जा चुका है. संपूर्ण टीकाकरण लक्ष्य अब हमसे ज्यादा दूर नहीं है. टीकाकरण में 5 नए टीके भी जोड़े गए हैं, इसमें जापानी बुखार का टीका भी शामिल है. मिशन इंद्रधनुष के तहत बच्चों को 12 टीके लगाए जा रहे हैं. मिशन इंद्रधनुष की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हो रही है.
बच्चों के सुरक्षा कवच का एक अहम पहलू है स्वच्छता. 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को डायरिया से सबसे ज्यादा खतरा रहता है और डायरिया गंदगी से होता है. केवल शौचालय के प्रयोग से हर साल 3 लाख बच्चों का जीवन बचाया जा सकता है.
किसान हित के लिए कई योजनाएं
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के तहत 500 करोड़ का प्रावधान गाय और गोवंश की देखभाल के लिए किया गया है. फसली ऋण की तरह पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 3 लाख रुपये तक का ऋण मिलने का प्रावधान किया गया है. सरकार के इस कदम में डेरी उद्योग का विकास होगा. अन्नदाता किसान के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की है. इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को मिलेगा.
अक्षय पात्र की आधुनिक रसोई
अक्षय पात्र फाउंडेशन की रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहा जाता है. यहां आधुनिक मशीनों के द्वारा बच्चों के लिए खाना तैयार किया जाता है. यहां 10,000 रोटियां कुछ ही घंटों में तैयार हो जाती हैं. 1,000 बच्चों के लिए 15 मिनट में चावल तैयार हो जाता हैं. अक्षय पात्र फाउण्डेशन, भारत का गैर सरकारी संगठन है जो देश के 7 राज्यों में 6500 स्कूलों में लगभग 12 लाख स्कूली छात्रों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराता है. इस संस्था का नाम दिसम्बर, 2009 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था.
वर्ष 2000 में इस संस्था का गठन कर्नाटक के ग्रामीण और गरीब बच्चों की मदद करने के लिए किया गया था और धीरे-धीरे राज्य सरकार तथा कॉरपोरेट जगत की मदद मिलने से संस्था ने 7 राज्यों में अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है. इस संस्था का मकसद यही है कि देश में कोई भी गरीब बच्चा भूख की वजह से अपनी पढाई नहीं छोड़ें और इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर उन्होंने दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों को ही प्राथमिकता दी है. फिलहाल यह संस्था कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उडीसा, गुजरात, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को भोजन उपलब्ध करा रही है.
02:36 PM IST