वालमार्ट ने नहीं दी थी घूस! हाईकोर्ट में कंपनी की बड़ी जीत
केंद्रीय सर्तकता आयोग ने वालमार्ट के खिलाफ जांच घूसखोरी की मीडिया रिपोर्ट छपने की बाद शुरू की थी.
रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी सीमा शुल्क मंजूरी हासिल करने व स्टोर खोलने के लिए रिश्वत देती है (फाइल फोटो)
रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी सीमा शुल्क मंजूरी हासिल करने व स्टोर खोलने के लिए रिश्वत देती है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को अमेरिकी खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट भारतीय इकाई के खिलाफ कथित घूसखोरी आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने वॉलमार्ट की सीवीसी की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने कहा, 'रिट् याचिका स्वीकार की जाती है. जांच को खारिज किया जाता है.'
सीवीसी ने वॉलमार्ट के खिलाफ यह जांच तब शुरू की थी जबकि अमेरिका के एक मीडिया हाउस की रिपोर्ट में कहा गया था कि खुदरा क्षेत्र की कंपनी ने सीमा शुल्क मंजूरी हासिल करने तथा स्टोर खोलने तथा चलाने की अनुमति के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी है. उच्च न्यायालय ने अप्रैल, 2016 में अपने अंतरिम आदेश में सीवीसी को निर्देश दिया था कि वह वॉलमार्ट के खिलाफ किसी तरह की आपराधिक शिकायत दर्ज नहीं करे.
इस निर्देश को मामले के उच्च न्यायालय में लंबित रहने तक समय समय पर बढ़ाया गया. अदालत ने इससे पहले निष्कर्ष दिया था कि सीवीसी को अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधक कानून, 1988 के तहत अधिकारियों के खिलाफ जांच का अधिकार है, लेकिन कोई खबर प्रथम दृष्टया किसी शिकायत का आधार नहीं बन सकती.
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इनपुट एजेंसी से भी
07:42 PM IST