शुगर कंपनियों के लिए अच्छी खबर, सरकार ने 46 इथेनॉल प्रोजेक्टस को दी सैद्धांतिक मंजूरी
Approval to Ethanol projects: ये अप्रूवल 22 अप्रैल को नोटिफाई की गई नई विंडो के तहत दिया गया है. इसके लिए प्रोजेक्ट्स के सभी प्रस्ताव करनेवाले nsws.gov.in के जरिए आवेदन कर सकते हैं.
इन परियोजनाओं से 260 करोड़ लीटर से ज्यादा अतिरिक्त एथेनॉल उत्पादन होने की उम्मीद है. (फोटो: पीटीआई)
इन परियोजनाओं से 260 करोड़ लीटर से ज्यादा अतिरिक्त एथेनॉल उत्पादन होने की उम्मीद है. (फोटो: पीटीआई)
Approval to Ethanol projects: देश की शुगर कंपनियों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने 46 इथेनॉल प्रोजेक्टस को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है. फूड और पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन विभाग ने इसको अप्रूव किया है. interest subvention स्कीम्स की नई विंडो के तहत इन सबको मंजूरी दी गई है. इन परियोजनाओं से देश में 260 करोड़ लीटर से ज्यादा अतिरिक्त एथेनॉल उत्पादन होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि ये अप्रूवल 22 अप्रैल को नोटिफाई की गई नई विंडो के तहत दिया गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए nsws.gov.in के जरिए आवेदन किया जा सकता है.
Good News for #Sugar Cos
— Ambarish Pandey (@pandeyambarish) May 12, 2022
- @fooddeptgoi gives in principle approval to 46 #Ethanol projects under new window of interest subvention schemes
- Projects expected to bring more than 260 crore litre addtl ethanol production@ZeeBusiness @SwatiKJain @BrajeshKMZee @MrituenjayZee
क्या होगा फायदा
2014 से पहले शीरा आधारित डिस्टिलरी की इथेनॉल आसवन (distillation) क्षमता सिर्फ 215 करोड़ लीटर थी. हालांकि, पिछले 7 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए नीतिगत परिवर्तनों के कारण, शीरा आधारित डिस्टिलरी की क्षमता में डेढ़ गुना वृद्धि हुई. अभी अनाज आधारित डिस्टिलरी की क्षमता 569 करोड़ लीटर हो गई, जो 2013 में 206 करोड़ लीटर थी, जो 280 करोड़ लीटर की वृद्धि का सूचक है.
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इस प्रकार, देश में कुल इथेनॉल उत्पादन क्षमता 849 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है. हालांकि, 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए इथेनॉल उत्पादन क्षमता को लगभग 1700 करोड़ लीटर तक बढ़ाने की जरूरत है.
गन्ना किसानों को मिलेगी राहत
केंद्र सरकार ने विशेष रूप से इसकी पर्याप्तता वाले मौसम में इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने और इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इसकी आपूर्ति बढ़ाकर, चीनी मिलों द्वारा भुगतान की स्थिति में सुधार करते हुए उन्हें किसानों के गन्ना मूल्य बकाया का भुगतान करने में सक्षम बनाया है.
2018-2021 के दौरान चीनी मिलों और डिस्टिलरी के लिए ब्याज में छूट प्रदान करने के उद्देश्य से कई योजनाएं लागू की गई हैं. सरकार एक साल की राहत सहित पांच साल के लिए बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत की दर से या बैंकों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है.
09:30 PM IST