GST से अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की मांग 200 प्रतिशत बढ़ी, लोगों को हो रही आसानी
जीएसटी लागू होने से पहले भारत का अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर उद्योग लगभग 500 करोड़ रुपये था जो 2017 में ही जीएसटी लागू होने के बाद बढ़कर 1,500 से 1,800 करोड़ रुपये हो गया.
अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कंपनियों की मदद से जीएसटी में भ्रांतियों का वातावरण दूर करने में मदद मिली है
अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कंपनियों की मदद से जीएसटी में भ्रांतियों का वातावरण दूर करने में मदद मिली है
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद देश में, खासकर छोटी और मझोली इकाइयों की ओर से अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की मांग तेजी से बढ़ी है. इस उद्योग के जुड़े लोगों का कहना है कि अकांउटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से उद्यमों को जीएसटी के अनुपालन में आसानी होती है. एक सर्वे के अनुसार जीएसटी के लागू होने के बाद अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की मांग लगभग 200 प्रतिशत बढ़ी है.
अभी 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये का है बाजार
प्रमुख अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कंपनी बिजी इन्फोटेक के संस्थापक निदेशक राजेश गुप्ता का कहना है,‘ अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कंपनियों की मदद से जीएसटी में भ्रांतियों का वातावरण दूर करने में मदद मिली है और इस नई कर प्रणाली की प्रक्रिया को आज सुगम किया जा सका है.’’
उन्होंने अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर उद्योग पर किए गए एक हालिया सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा, ‘’जीएसटी लागू होने से पहले भारत का अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर उद्योग लगभग 500 करोड़ रुपये था जो 2017 में ही जीएसटी लागू होने के बाद तेजी से आई मांग के कारण बढ़कर 1,500 से 1,800 करोड़ रुपये हो गया. वर्तमान समय में यह 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये है.’’
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निकट भविष्य में यह तेजी बनी रहेगी
छोटे कारोबारियों और दुकानदारों के लिए जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किए जाने के बाद इसका रिटर्न तैयार कर उसे ऑनलाइन दाखिल करना खासकर छोटी/मझोली इकाइयों के लिए चुनौती रहा है. अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की सहायता से इसमें आसानी को देखते हुए इसकी मांग बढ़ी है. इस उद्योग का मानना है कि कि ई-कॉमर्स उद्योग के प्रसार, युवाओं के स्व-व्यवसाय के प्रति रुझान आदि कारणों से निकट भविष्य में यह तेजी बनी रहेगी.
जीएसटी संग्रह में रहेगी तेजी
वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि नवंबर और दिसंबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा. त्योहार और सरकार के कर चोरी रोकने के उपायों से जीएसटी संग्रह बढ़ने की उम्मीद है. सितंबर में जीएसटी राजस्व बढ़कर 94,442 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. अधिकारियों का कहना है कि नवंबर और दिसंबर के जीएसटी संग्रह के आंकड़ों में अक्टूबर और नवंबर में की गई खरीद बिक्री के आंकड़े दिखेंगे.
(इनपुट एजेंसी से)
03:52 PM IST