CCD के मालिक सिद्धार्थ लापता, कर्मचारियों को लिखा- 'मैं फेल हुआ, मुझे माफ कर देना'
वह बिजनेस के सिलसिले में कर्नाटक के चिकमंगलुरू गए थे लेकिन बीच रास्ते में अपनी कार से उतर गए. उसके बाद से वह अभी तक लापता हैं.
सिद्धार्थ के अचानक लापता होने से पूरा परिवार परेशान है. वह उस वक्त से लापता हैं जब वह मंगलुरू जा रहे थे. (फोटो: जी बिजनेस)
सिद्धार्थ के अचानक लापता होने से पूरा परिवार परेशान है. वह उस वक्त से लापता हैं जब वह मंगलुरू जा रहे थे. (फोटो: जी बिजनेस)
मशहूर चेन कैफे कॉफी डे (cafe coffee day) के फाउंडर वीजी सिद्धार्थ 29 जुलाई की शाम से लापता हैं. वह बिजनेस के सिलसिले में कर्नाटक के चिकमंगलुरू गए थे लेकिन बीच रास्ते में अपनी कार से उतर गए. उसके बाद से वह अभी तक लापता हैं. उनका फोन भी स्विच ऑफ बताया जा रहा है. हालांकि, इस बीच उनका एक पत्र सामने आया है. 27 जुलाई को उन्होंने ये पत्र अपने कॉफी डे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए लिखा था.
पत्र में क्या लिखा है?
वीजी सिद्धार्थ ने लिखा है कि 37 वर्षों के कठिन परिश्रम से अपनी कंपनियों में 30 हजार नौकरियों को सृजित किया. उस टेक्नोलॉजी कंपनी में भी 20 हजार नौकरियां सृजित कीं, जिसमें इसकी शुरुआत से ही बड़े शेयरधारक रहे. लेकिन, अपने तमाम प्रयासों के बावजूद इन कंपनियों को लाभ का बिजनेस बनाने में नाकाम रहे. उन्होंने लिखा कि मुझ पर कर्जदाताओं का अत्यधिक दबाव है. किसी को धोखा देना मकसद कभी नहीं रहा, लेकिन एक उद्यमी के रूप में फेल रहा. उम्मीद है कि किसी दिन आप लोग इसको समझेंगे और मुझे माफ कर देंगे.
29 जुलाई की शाम से लापता
सिद्धार्थ के अचानक लापता होने से पूरा परिवार परेशान है. वह उस वक्त से लापता हैं जब वह मंगलुरू जा रहे थे. दक्षिण कन्नड़ पुलिस उनकी खोजबीन में लगी है. इस बीच कर्नाटक के बीजेपी सांसदों ने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर उनकी तलाश में मदद की अपील की है. सूत्रों के मुताबिक, सिद्धार्थ बिजनेस के सिलसिले में इनोवा कार से सोमवार को चिकमंगलुरू गए थे. उसके बाद वह केरल जा रहे थे. लेकिन, मंगलुरू के निकट एक नेशनल हाईवे पर उन्होंने ड्राइवर से कार रोकने को कहा और गाड़ी से उतर गए.
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क्या है गायब होने की कहानी
कार ड्राइवर ने परिवार के सदस्यों को बताया कि नेशनल हाईवे पर जेपीना मोगारू नामक जगह पर उन्होंने गाड़ी रोकने के लिए कहा. उस वक्त वह कथित रूप से किसी से फोन पर बात कर रहे थे. उनके गाड़ी से उतरने के बाद ड्राइवर ने उनका इंतजार किया, लेकिन जब वह आधे घंटे तक नहीं लौटे तो ड्राइवर ने फोन किया लेकिन सिद्धार्थ का फोन स्विच ऑफ बताने लगा. उसने तत्काल सिद्धार्थ के परिवार को सूचित किया.
रास्ते में बदल दिया था इरादा
गौरतलब है कि सिद्धार्थ जिस जेपीना मोगारू जगह पर उतरे वह नेत्रावती नदी के किनारे है. दक्षिण कन्नड़ पुलिस के डीसीपी हनुमनथरैया और लक्ष्मी गणेश ने ड्राइवर से पूछताछ कर जरूरी सूचनाएं ली हैं और सिद्धार्थ को खोजने की कोशिश कर रहे हैं. मंगलुरू के पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने कहा कि सिद्धार्थ कल बंगलुरु से निकले और कहा कि सकलेशपुर जा रहे हैं. लेकिन रास्ते में उन्होंने ड्राइवर से मंगलुरू चलने को कहा. नेत्रावती पुल पर पहुंचने के बाद वह कार से उतर गए.
क्या है आखिरी कॉल का राज
उन्होंने ड्राइवर से थोड़ा आगे जाकर गाड़ी रोकने को कहा. इसके साथ ही कहा कि वह पैदल पीछे से आ रहे हैं. उनकी तलाश के लिए डॉग स्क्वायड का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्थानीय मछुआरों की भी मदद ली जा रही है. ये भी देखा जा रहा है कि वह फोन स्विच ऑफ जाने से पहले अंतिम बार किससे फोन पर बात कर रहे थे. घटना की सूचना मिलने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार एवं बीएल शंकर मंगलवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के घर पहुंचे.
कौन हैं वीजी सिद्धार्थ?
सिद्धार्थ कर्नाटक के चिकमंगलुरू से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा की पुत्री से विवाह किया है. पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मुंबई के जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड से करियर शुरू किया था. बाद में वह बंगलुरु शिफ्ट हो गए सीवान सेक्युरिटीज नाम से कंपनी शुरू की. 2000 में कंपनी का नया नाम ग्लोबल टेक्नोलॉजी वेंचर्स रखा गया. उसके साथ ही उन्होंने कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) चेन भी शुरू की. उनको चिकमंगलुरू की कॉफी को दुनिया में लोकप्रिय बनाने का श्रेय जाता है.
05:45 PM IST