e-RUPI: कंज्यूमर, कॉरपोरेट्स और हॉस्पिटल्स को कैसे फायदा, SBI समेत 11 बैंक सर्विस से जुड़े
e-RUPI प्लेटफॉर्म को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, हेल्थ मिनिस्ट्री और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने लांच किया है.
(PIB video image)
(PIB video image)
e-RUPI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम ‘e-RUPI’ लॉन्च किया. दरअसल, e-RUPI एक कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम मीडियम है. यह SMS स्ट्रिंग या एक QR कोड के रूप में बेनेफिशियरी को मिलेगा. यह एक तरह से वन टाइम पेमेंट वाउचर की तरह होगा, जिसे बिना किसी क्रेडिट या डेबिट कार्ड या मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के ईरुपी स्वीकार करने वाले मर्चेंट्स के पास रिडीम कराया जा सकता है.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, e-RUPI पूरी तरह सेफ, आसान और सेक्योर है. इसमें बेनेफिशियरी की डिटेल पूरी तरह गोपनीय रहती है. इस वाउचर के जरिए पूरा लेनदेन तेजी और पूरे भरोसे के साथ होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि पेमेंट के लिए जरूरी रकम पहले से वाउचर में स्टोर होती है.
e-RUPI प्लेटफॉर्म को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, हेल्थ मिनिस्ट्री और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने लांच किया है. यह सिस्टम पर्सन-स्पेशिफिक और पर्पज स्पेशिफिक है. e-RUPI के जरिए बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के सर्विसेज उपलब्ध कराने वाले को बेनेफिशयरीज व सर्विसेज प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्ट कराया जा सकेगा.
कॉरपोरेट्स को कैसे फायदा (Benefits for Corporates)
- NPCI की वेबसाइट के मुताबिक, कॉरपोरेट्स अपने इम्प्लॉइज के हितों के लिए इसका इस्मेमाल कर सके हैं.
- इसमें एंड टू एंड (end to end) डिजिटल ट्रांजैक्शन होता है. फिजिकल तौर पर किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं पड़ती है, जिसके चलते कॉस्ट कम करने में मदद मिलेगी.
- वाउचर जारी करने वाला इसके रिडीम को ट्रैक कर सकता है.
- यह फास्ट, सेफ और कॉन्टेक्टलेस वाउचर डिस्ट्रिब्यूशन है.
हॉस्पिटल्स को कैसे फायदा (Benefits for Hospitals)
- वाउचर एक वेरिफिकेशन कोड के जरिए अथराइज्ड है. इसलिए पेमेंट आसान और सुरक्षित है.
- बिना दिक्कत के कॉन्टेक्टलेस पेमेंट कलेक्शन हो जाएगा. इसमें कैश संभालने या कार्ड के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ेगी.
- वाउचर तुरंत रिडीम हो जाएगा. महज कुछ स्टेप्स में वाउचर को रिडीम कराया जा सकेगा. इसमें पहले से पैसा ब्लॉक रहता है इसलिए पेमेंट खारिज नहीं हो सकता है.
कंज्यूमर को कैसे फायदा (Benefits to the Consumer)
- बेनेफिशिरी को वाउचर का प्रिंट आउट लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह पूरी तरह कॉन्टेक्टलेस है.
- महज 2 स्टेप में रिडम्प्शन पूरा हो जाएगा. यानी, ईरुपी वाउचर पेमेंट महज कुछ समय में हो जाएगा.
- इसमें बेनेफिशियरी को अपनी पर्सनल डिटेल शेयर करने की जरूरत नहीं होगी. वहीं, रिडम्प्शन की गोपनीयता भी बनी रहेगी.
- इसमें डिजिटल या बैंक की जरूरत नहीं होगी. इसमें किसी तरह की नेट बैंकिंग, ऐप या बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं होगी.
SBI समेत 11 बैंक जारी कर सकेंगे e-RUPI वाउचर
TRENDING NOW
e-RUPI वाउचर सिस्टम को NPCI ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर बनाया है. बैंक इसे जारी करेंगे. बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को बैंक एक वाउचर जारी करेगा जो किसी निश्चित व्यक्ति के नाम पर होगा जो सिर्फ उसी को डिलीवर होगा. NPCI की वेबसाइट के मुताबिक, अभी e-RUPI के साथ 11 बैंक लाइव हैं. इनमें एसबीआई, यूनियन बैंक, पीएनबी, कोटक, इंडियन बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, एक्सिस बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं. फिलहाल ये 11 बैंक ईरुपी वाउचर जारी कर सकते हैं.
07:29 PM IST