एसबीआई 11 बैंक खातों को नीलाम कर वसूलेगा 1,019 करोड़ रुपये, जानें किसके पास है सबसे ज्यादा बकाया
वित्तीय संपत्ति की बिक्री को लेकर बैंक की नीति के तहत SBI इन खातों को संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी)/ बैंक/ एनबीएफसी/ वित्तीय संस्थानों के समक्ष रखेगा.
एनपीए खातों को संपत्ति पुननिर्माण कंपनियों तथा वित्तीय कंपनियों को बेचा जाएगा.
एनपीए खातों को संपत्ति पुननिर्माण कंपनियों तथा वित्तीय कंपनियों को बेचा जाएगा.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 1,019 करोड़ रुपये की वसूली के लिये फंसे कर्ज वाले 11 खातों को बिक्री के लिये रखा है. इन एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) खातों को संपत्ति पुननिर्माण कंपनियों तथा वित्तीय कंपनियों को बेचा जाएगा. देश के सबसे बड़े बैंक ने कहा कि इन फंसे कर्ज (एनपीए) वाले खातों की नीलामी 22 नवंबर को होगी. एसबीआई ने अपनी वेबसाइट पर नीलामी नोटिस में कहा, ‘‘नियामकीय दिशानिर्देश के अनुरूप वित्तीय संपत्ति की बिक्री को लेकर बैंक की नीति के तहत हम इन खातों को संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी)/ बैंक/ एनबीएफसी/ वित्तीय संस्थानों के समक्ष रखेंगे.
इस कंपनी का सबसे अधिक बकाया
बैंक की तरफ से नीलाम होने वाले 11 खातों में जानकी कॉरपोरेशन लिमिटेड के ऊपर सर्वाधिक 592.53 करोड़ रुपये का बकाया है. अन्य खातों में वीनस रेमेडीज लि. के ऊपर 83.01 करोड़ रुपये, एसबीएस ट्रांसपोल लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लि. 63.36 करोड़ रुपये, आर. एस. लुथ एजुकेशन ट्रस्ट 60.62 करोड़ रुपये, नीलांचल आयरन एंड पावर लि. के ऊपर 52.41 करोड़ रुपये तथा श्री बालमुकुंद पालीप्लास्ट के ऊपर 50.12 रुपये बकाया हैं. शेष पांच कंपनियों के ऊपर कुल बैंक का 117 करोड़ रुपये का बकाया है.
तत्काल प्रभाव से जांच पड़ताल संभव
एसबीआई ने कहा कि इन खातों में रूचि रखने वाली संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां/बैंक/गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों/ वित्तीय संस्थान रूचि पत्र जमा करने तथा खुलासा नहीं करने का समझौता करने के बाद इन खातों की तत्काल प्रभाव से जांच पड़ताल कर सकती हैं. एसबीआई का सकल एनपीए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर कुल कर्ज का 10.69 प्रतिशत हो गया.
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यह एक साल पहले इसी तिमाही में 9.97 प्रतिशत था. मूल्य के हिसाब से यह आलोच्य अवधि में बढ़कर 2,12,840 करोड़ रुपये हो गया जो 2017 की इसी तिमाही में 1,88,068 करोड़ रुपये था. फंसे कर्ज में वृद्धि के कारण एसबीआई को जून तिमाही में 4,876 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ था.
(इनपुट एजेंसी से)
01:22 PM IST