RBI बाजार में डालेगा 25,000 करोड़, बैंकों से कही ये बात
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Wed, Apr 15, 2020 06:53 PM IST
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कहा कि वह 17 अप्रैल को 25,000 करोड़ रुपये बाजार में डालेगा. ये पैसा टार्गेटेड लांग टर्म रेपो ऑपरेशन (TLTRO) के जरिए डाली जाएगी. देश की वित्तीय व्यवस्था में नकदी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह पैसा डाला जाएगा.
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इस वजह से आरबीआई उठा रहा है ये कदम
गौरतलब है कि RBI ने 27 मार्च को एक लाख करोड़ रुपये के टार्गेटेड लांग टर्म रेपो ऑपरेशन (TLTRO) लाए जाने के संबंध में एलान किया था. अब तक सिस्टम में तीन चरण में TLTRO के जरिए 75,000 करोड़ रुपये डाले जा चुके है. कोरोनावायरस को रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को कम करने के लिए आरबीआई कई कदम उठा रहा है.
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ब्याज दरों में की गई है कटौती
हाल ही में आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर यानी रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की जोरदार कटौती की है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि यह जोरदार कटौती कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए किया गया है. इस फैसले में आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. अब रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी है. आरबीआई ने सीआरआर (CRR) को भी घटाकर 3 फीसदी कर दिया है.
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अब तक तीन बार पैसे डाले गए हैं
RBI ने पिछले महीने के आखिर में एलान किया था कि वह बैंकों को धन उपलब्ध कराने के लिए एक लाख करोड़ के टीएलटीआरओ के जरिए बाजार में पैसे डालेगा. टीएलटीआरओ के तहत RBI तत्काली रेपो दर पर एक साल से तीन साल की अवधि के लिए बैंकों को धन उपलब्ध कराता है.केंद्रीय बैंक बैंकिंग सिस्टम को दीर्घकालिक नकदी उपलब्ध कराने के लिए तब से अबतक तीन बार एलटीआरओ के तहत बॉन्ड खरीद के लिए नीलामी का आयोजन कर चुका है.
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बैंकों को दिया गया एक महीने का समय
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को आगाह किया है कि वे दीर्घकालीन रेपो अभियान (TLTRO) के तहत जुटाए गए फंड का 50 प्रतिशत एक महीने के भीतर कंपनियों के बॉन्ड (Corporate bonds) में निवेश करने में विफल रहते हैं तो उन्हें दंड स्वरूप 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देना होगा. शीर्ष बैंक ने 27 मार्च को टीएलटीआरओ की घोषणा की थी. इसका मकसद कॉरपोरट बॉन्ड बाजार (Corporate bond market) में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करना है. बैंक निर्धारित अवधि में निवेश करने में विफल रहते हैं, उन पर उतने दिन के लिए मौजूदा रेपो दर के अलावा दो प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज लगेगा जितने दिन तक कोष का उपयोग नहीं किया जाता. फिलहाल नीतिगत दर 4.40 प्रतिशत है.
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